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राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में दिया गलत हलफनामा, बर्खास्त हो ऐसी सरकारः गुलाम नबी आजाद

रफले डील कंट्रोवर्सी पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस समझ गई है कि राफेल कैसे बड़ा घोटाला बना। इस घोटाले को छुपाने के लिए मोदी सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। हमारा आरोप है कि 5.2 मिलियन डॉलर की जो बेंचमार्क कीमत थी उसे प्रधानमंत्री जी ने खुद बदलवा दिया था।

नई दिल्ली: राफेल मामले पर कांग्रेस एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर है। संसद भवन में कांग्रेस के 3 वरिष्ठ नेताओं- मल्‍लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से सरकार पर फिर से हमला किया गया। गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे पर कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट को गलत हलफनामा देकर गुमराह कर रही है, ऐसी सरकार को तो बर्खास्त होना चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस समझ गई है कि राफेल कैसे बड़ा घोटाला बना। इस घोटाले को छुपाने के लिए मोदी सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। हमारा आरोप है कि 5.2 मिलियन डॉलर की जो बेंचमार्क कीमत थी उसे प्रधानमंत्री जी ने खुद बदलवा दिया था, इसलिए हमारी मांग है कि जेपीसी से इस मामले की जांच कराई जाए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी वकालत करने वाले झूठ बोल रहे हैं।
क्यों बढ़ी कीमतें?
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने राफेल की फाइलों को लेकर कहा था कि राफेल की कीमतों के राज फाइलों में बंद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बताना चाहिए कि आखिर वह कौन से राज हैं। कांग्रेस ने कहा कि राफेल की कीमतों में भ्रष्टाचार को लेकर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और नेगोसिएशन टीम ने सवाल उठाए थे, लेकिन मोदी ने उन सारे ऐतराज को खारिज करते हुए उसे कूड़ेदान में डाल दिया और देश के पैसे की लूट को होने दिया गया। यह तमाम चीजें राफेल की फाइलों में उजागर हुई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल की कीमत 526 करोड़ से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये कर दी गई। सरकार यह बताए कि कीमतें क्यों बढ़ाई गईं।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि रक्षा मंत्रालय के हेड ऑफ द फाइनेंस सुधांशु मोहंती और नेगोसिएशन टीम के फाइलों में ऐतराज भी दर्ज है। उस पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं? देश के राजस्व को चूना क्यों लगाया गया? पैसा पहले दे दिया गया और डिलीवरी आई नहीं। इतना ही नहीं, कानून मंत्रालय ने भी सवाल किया कि न तो कोई बैंक गारंटी है और न ही कोई स्वायत्त गारंटी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इस पूरे मामले पर राय देने से इनकार कर दिया था। सुरजेवाला का आरोप है कि यूपीए सरकार सस्ते दामों में जिन राफेल विमान को खरीद रही थी, उन्हीं को महंगे दामों में इसलिए खरीदा क्योंकि इसमें बहुत बड़ा घोटाला है। चौकीदार चोर है और देश के राजस्व को घाटा पहुंचाया गया।
JPC जांच होनी चाहिए
कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं-गुलाम नबी आजाद और मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने भी राफेल डील पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरू से ही यह सवाल उठाते रहे हैं कि इसमें बहुत बड़ा घोटाला है। पूरी दाल ही काली है और इसकी जांच के लिए जेपीसी होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह दुनिया और देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है, जिसमें प्रधानमंत्री और सरकार उसका हिस्सा है। इसमें कई हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. यह आम लोगों का पैसा है जो कि उनके टैक्स के द्वारा दिया जाता है। प्रधानमंत्री और सरकार ने इस घोटाले पर पर्दा डालने के प्रयास किया और उसे दबाने की कोशिश की गई, लेकिन यह ऐसा ज्वालामुखी है जो कि चुनाव के बीच में अहम मुद्दा बनेगा।

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