देवों के देव-महादेव यानी शंकर भगवान का रूप धरने वाले मोहित रैना के चाहने वाले लाखों में हैं। टेलीविजन के बाद उन्होंने बड़ा धमाका किया वेब सीरीज 21 सरफरोश में। अब आगे क्या? यही जानने की कोशिश की अमर उजाला ने मोहित रैना से इस खास मुलाकात में।
टीवी सीरियल्स में इंसान इतना काम करता है कि फिर आराम से काम करना भी मुश्किल लगता है, क्या कहेंगे?
हां, थोड़ा मुश्किल इसलिए होता है क्योंकि हम लोगों की एक आदत बन जाती है टेलीविजन में 16 से लेकर 18 घंटे काम करने की। इसमें हम शारीरिक रूप से काफी थक भी जाते हैं पर ये इस माध्यम का तरीका है। इतने घंटे इसमें काम करने की जरूरत है, यही इसी यूएसपी है जिसे कोई बदल नहीं सकता। जहां तक बात डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाली वेब सीरीज की है, फिल्मों की है तो उनके निर्माण में बहुत समय लगता है। लोग बारीकी में घुसकर काम करते हैं और काफी ज़्यादा तादाद में लोग इसमे जुड़े होते हैं। टीवी में एक बार आपने शुरूआत कर दी तो समय के साथ दौड़ना पड़ता है फिल्मों में ऐसा नहीं होता है।
आपने महादेव का किरदार किया और दर्शकों में आपकी छवि आज भी वही है। कितना मुश्किल होता है ऐसी किसी विशाल छवि से बाहर आना?
नहीं उससे बाहर आने की तो ज़रूरत ही नहीं है। मुझे नहीं लगता कि अभी वैसा होता है। जब हम कुछ अच्छा देखते हैं वह हमारे साथ काफी समय तक बरकरार रहता है पर वह सिर्फ कुछ समय तक रहता है तो जब शो खतम हुआ लोगों के साथ कुछ सालों तक था वो। बहुत ज़्यादा था पर मुझे नहीं लगता कि अब ऐसा होता है। जो मूल है वह उनका प्यार है, तो वो जो एक कड़ी होती है वो जुड़ी हुई है। मुझे नहीं लगता की कभी वह जाएगा और मैं चाहता भी नहीं हूं कि कभी वह जाए।
उरी में अपने किरदार के बारे में बताइए?
मैं एक स्पेशल फोर्स का कमांडो हूं और उसमे भी मैं एक स्नाइपर हूं। ये जो भी ऑपरेशन होता है। किस तरीके से हमने इस ऑपरेशन को पूरा किया, इसकी एक अहम कड़ी ये स्नाइपर भी है।
इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर जो राजनीति हुई, उसके बारे में क्या कहेंगे?
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर किसी तरह की कंट्रोवर्सी नहीं है। फिल्म का काम है मनोरजन करना। साथ ही अगर ये देश के लोगों में देश प्रेम की भावना जगाती है। हर इंसान अपने देश को चाहता है, बस कुछ लोग इसे महसूस कर पाते हैं और कुछ नहीं। सब जानना चाहते हैं कि आखिर दो साल पहले हुआ क्या था?
अब आगे की क्या प्लानिंग है?
क्रिएटिविटी के लिए हिंदी सिनेमा का ये सबसे बेहतरीन दौर चल रहा है। अगर आपके पास कुछ भी नया करने की, कुछ भी अलग कहने की बात है तो सिनेमा सुनने को तैयार है। मुझे तो एक के बाद एक ऑफर्स आ रहे हैं पर मैं हड़बड़ी में भागने वाला इंसान नहीं हूं। टीवी में पैर जमाए, वेब सीरीज में दम दिखाया, अब बारी सिनेमा की है। इसके बाद जो भी होगा, सामने आता जाएगा।