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मथुरा में श्रीकृष्‍ण भगवान लेंगे दो रात जन्‍म

मथुरा. lord। नंदोत्‍सव भी दोनों जगह अलग-अलग तिथि को होगा। ऐसा पंचमी और षष्‍ठी एक ही दिन होने की वजह से किया जा रहा है। वहीं, वृंदावन के विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भी छह सितंबर को कृष्‍ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।बांके बिहारी मंदिर में छह सितंबर को रात 12 बजे अभिषेक होगा। इसके बाद डेढ़ बजे मंगला आरती होगी। सात सितंबर को सुबह मंदिर में नंद महोत्‍सव का आयोजन किया जाएगा। दूसरी ओर राधा वल्‍लभ मंदिर, राधा दामोदर मंदिर और राधारमण मंदिर में भी छह सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस अवसर पर जन्मभूमि में पहली बार जेल को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा।MYTH: यहां होती है राधा-कृष्ण की रासलीला, जिसने भी देखा हो गया पागलमथुरा में दो दिन मनेगी जन्माष्टमी, भगवान पहनेंगे रत्न जड़ित ‘चंद्रिका पोशाक’जन्माष्टमी पर हाईटेक सजावट, कृष्ण जन्मस्थान को नया रूप दे रहा कनाडा का रोबोटबाल स्वरूप में दर्शन देंगे भगवान कृष्णश्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि पूरे परिसर को भव्य स्वरूप में सजाया जा रहा है। जन्माष्टमी के दिन पांच सितंबर की सुबह शहनाई और नगाड़ा वादन से मंगला आरती होगी। इसके बाद सुबह दस बजे श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और महंत गुरु शरणानंद लीला मंच पर आएंगे। वे भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद रात 11 बजे से जन्माभिषेक होगा। इस दौरान गणेश-नवग्रह पूजा होगी। ठीक 12 बजे श्रीकृष्‍ण के जन्‍म के बाद पूरा जन्मभूमि परिसर मृदंग, ढोल-नगाड़े और झांझ-मजीरे से गूंजेगा। रात 12.30 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के बाद दर्शन होंगे। रात 1.30 बजे मंदिर के पट बंद होंगे। इस अवधि तक श्रद्धालु भगवान के बाल स्‍वरूप के दर्शन भी कर सकेंगे।बालगोपाल के लिए बनाई जा रही खास पोशाकजन्‍मस्‍थान पर बालगोपाल के लिए खास तौर पर पोशाक बनवाई जा रही है। इसे ‘चंद्रिका’ पोषाक का नाम दिया गया है। इसमें पीले रंग की रेशम, जरी, सिल्क और रत्न होंगे। पोशाक में चंद्रमा के अंदर भीतर नृत्य करते मयूर का दृश्य भी शामिल होगा। वहीं, दूसरी ओर नंदगांव में छह सितंबर को जन्माष्टमी का आयोजन होगा। मंदिर के सेवायत हरीमोहन गोस्‍वामी के अनुसार, इस बार पंचमी और षष्‍ठी एक ही दिन है। ऐसे में उत्सव कम रह जाता है। इसलिए खुर गिनती रीति का प्रयोग कर नंदगांव में छह सितंबर को जन्माष्टमी मनाने का फैसला लिया है। छह को जन्‍म के बाद सात सितंबर को नंदोत्‍सव का आयोजन किया जाएगा।

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