नई दिल्ली : भारतीय बैंकों से पैसा लेकर विदेश में जा बसे हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी मामले में मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चौकसी ने एंटीगुआ सरकार के पास भारतीय पासपोर्ट जमा कर दिया है, जिसके साथ ही उसने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। अब ऐसे में केंद्र सरकार का उसको प्रत्यपर्ण करके भारत लाना मुश्किल होगा। चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है। नागरिकता छोड़ने वाले फार्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है। चोकसी ने नियमों के तहत एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है और भारत की नागरिकता छोड़ी है। चोकसी के प्रत्यर्पण में जुटी केंद्र सरकार के लिए यह झटका माना जा रहा है।
दरअसल चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने के पीछे मकसद प्रत्यर्पण की कार्रवाई से बचना है। इस मामले में 22 फरवरी को सुनवाई होनी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने चोकसी के नागरिकता छोड़ने के मामले में विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। साल 2017 में चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। उस समय भारत ने इसपर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद उसे वहां की नागरिकता मिल गई थी। पिछली सुनवाई में चोकी ने कोर्ट में पिछली सुनवाई में अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा था कि फ्लाइट में 41 घंटे का सफर करके भारत नहीं आ सकता है। चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) स्पेशल कोर्ट में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) द्वारा दायर याचिका के जवाब यह बात कही थी। आपको बता दें कि मेहुल चोकसी पंजाब नैशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। घोटाले से पर्दा उठने से पहले वह जनवरी में देश छोड़कर चला गया था। इसी केस में उसका भांजा नीरव मोदी भी आरोपी है। चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (प्मला) स्पेशल कोर्ट में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (एड) द्वारा दायर याचिका के जवाब यह बात कही थी।