नई दिल्ली. ग्लोबल इकोनॉमी में आर्थिक मंदी के मिलते संकतों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के टॉप कारोबारियों, बैंकर्स और अफसरों से एक अहम मीटिंग मंगलवार को शुरू हो गई। 7 आरसीआर पर हो रही इस मीटिंग में आर्थिक मंदी से निपटने की तैयारियों और भारत की इसमें भूमिका पर चर्चा होनी है। इसमें रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा ग्रुप के प्रमुख साइरस मिस्त्री के अलावा रिजर्व बैंक के चेयरमैन रघुराम राजन, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढिया और वित्तमंत्री अरुण जेटली भी मौजूद रहे।सरकार का मानना है कि ग्लोबल मंदी के दौर में भारत के लिए कुछ अपार्चुनिटीज हैं और इन पर आगे बढ़ना चाहिए। पीएम चाहते हैं कि चीन की हल्की पड़ती इकोनॉमी का फायदा भारत को उठाना चाहिए और इस क्षेत्र में भारत के लीडर के रूप में सामने आने का यह अच्छा मौका है। । सरकारी अफसरों में फाइनेंस सेक्रेटरी रतन पी. वाटल, कॉमर्स सेक्रेटरी रीता तेवतिया, इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शशिकांत दास और चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम भी इस मीटिंग में शामिल हैं। मोदी ने 30 जून को भी बिजनेस लीडर्स से मुलाकात की थी।>चीन ने अपनी करेंसी युआन की वैल्यू हाल ही में कम की है। इसकी वजह से भारत और एशिया के दूसरे बाजारों के अलावा दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।भारतीय शेयर सोमवार को 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा। सेंसेक्स 25 हजार मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 24893.81 पर बंद हुआ।>सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले दो साल पुराने निचले स्तर (66.82) पर पहुंचा।>सेंसेक्स में 11 अगस्त से अब तक 11 पर्सेंट की गिरावट हो चुकी है।>अप्रैल-जून तिमाही में भारत के जीडीपी की ग्रोथ रेट 7 पर्सेंट रही। इसके पिछले तिमाही में यह 7.5% थी।>मूडीज ने 2015 के लिए इंडिया की GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 7% किया।