आईपीएस ऋषि कुमार ने संभाला सीबीआई निदेशक का पदभार, इन 5 घोटालों की होगी प्राथमिकता से जांच
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में सीबीआई बनाम पुलिस की जंग के बीच नवनियुक्त निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने अपना पदभार संभाला। आलोक वर्मा के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली चयन समिति ने मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया। सोमवार को ऋषि कुमार शुक्ला ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव से सभी चार्ज ले लिए हैं। गौरतलब है कि ऋषि कुमार शुक्ला अगले दो साल के लिए बतौर सीबीआई निदेशक के तौर पर काम करेंगे। कहा जा रहा है कि बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीबीआई के बीच रार पर शुक्ला का नजर रहेगी। सीबीआई के नवनियुक्त निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला हजारों करोड़ के पीएनबी घोटाले और आइसीआइसीआई बैंक घोटाले समेत पांच मामलों को जांच में सर्वोच्च वरीयता पर रखेंगे। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी के हजारों करोड़ के पीएनबी घोटाले, 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज अनियमितता के आइसीआइसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामले समेत पांच बड़े आर्थिक घोटाले सीबीआई की जांच करने की वरीयता में सबसे ऊपर रहेंगे। इसमें अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा, शराब कारोबारी विजय माल्या के हजारों करोड़ के बकाया कर्ज और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम व उनके बेटे कार्ति चिदंबरम से जुड़े आइएनएक्स मीडिया मामले को सीबीआई सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखेगी।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी अब चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रबंध निदेशक धूत और अन्य के खिलाफ समन भेजने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर अंतिम मुहर लगाई थी। समिति में प्रधानमंत्री के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ऋषि कुमार के नियुक्ति रे विरोध में थे, लेकिन आलोक वर्मा को हटाने जाने की फैसले की तरह ही ऋषि कुमार की नियुक्ति भी 2-1 के निर्णय से हुई। ऋषि कुमार शुक्ला मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। ग्वालियर के रहने वाले शुक्ला ने अपनी पुलिस सेवा की शुरुआत रायपुर से की थी। वह मप्र कैडर के पहले पुलिस अफसर हैं, जिन्हें सीबीआई डायरेक्टर बनाया गया। वह आइबी में एसपी से लेकर संयुक्त निदेशक स्तर तक के पदों पर रहे। मप्र में इंटेलीजेंस शाखा के प्रमुख के रूप में करीब सवा तीन साल काम करने के साथ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भी दो साल सेवाएं दी।