लखनऊः मैन ऑफ द मैच रेणुका (एक विकेट, 24 रन) के हरफनमौला प्रदर्शन से महाराष्ट्र ने फिक्की लो और इंडियन क्रिकेट फेडरेशन फॉर डिसएबल्ड के सहयोग से आयोजित प्रथम अंतरराज्यीय दिव्यांग महिला क्रिकेट टूर्नामेंट का खिताब झारखंड को छह विकेट से मात देकर जीत लिया। अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में महाराष्ट्र की कप्तान आशा पाटिल ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया। झारखंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 10 ओवर में चार विकेट गंवाकर 56 रन ही बना सकी।
प्रथम अंतरराज्यीय दिव्यांग महिला क्रिकेटः झारखंड को छह विकेट से दी मात
झारखंड की बल्लेबाजी काफी लचर रही। आलम यह रहा कि टीम के बनाए कुल 56 रन में से 29 रन अतिरिक्त रहे। सलामी बल्लेबाज रुकैया (20, 23 गेंद, दो चौके) ने सर्वाधिक रन बनाए और अकेले वहीं दहाई का आंकड़ा पार कर सकी। महाराष्ट्र से रेनुका और अनुराधा को एक-एक विकेट मिला।
जवाब में महाराष्ट्र ने 7.4 ओवर में चार विकेट गंवाकर 57 रन बनाते हुए फाइनल मुकाबला छह विकेट से जीत लिया। रेणुका ने तेजी से खेलते हुए 14 गेंदों पर चार चौकों की सहायता से 24 रन बनाए। वहीं रितुजा ने 15 गेंदों पर एक चौके की सहायता से नाबाद 21 रन बनाए। झारखंड से रुकैया ने 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए। यूपी की निमिशा मिश्रा सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज, झारखंड की रुकैया सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज और महाराष्ट्र की रितुजा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज चुनी गई। वहीं मेजबान यूपी की टीम कल खेले गए एक मुकाबले के आधार पर पहले ही तीसरा स्थान प्राप्त कर चुकी है।
समापन समारोह में उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस टूर्नामेंट का आयोजन हमारे लिए गर्व की बात है उन्होंने दिव्यांग क्रिकेटरों को सलाम करते हुए कहा कि शरीर से कोई विकलांग नहीं होता बल्कि मन से विकलांग होता है यह सिलसिला चलता रहे इसके लिए उन्होंने फिक्की फ्लो की अध्यक्ष रेणुका टंडन को भी बधाई दी। विजेता महाराष्ट्र को विजेता ट्रॉफी और 11 हजार रूपए का नगद पुरस्कार और उपविजेता झारखंड को उपविजेता ट्रॉफी और 5000 रूप्ए का नगद पुरस्कार दिया गया। इस पुरस्कार समारोह में रेणुका टंडन, माधुरी हलवासिया, दीपाली गर्ग, डॉक्टर निधि टंडन, जसलीन, पूजा गर्ग, समां गुप्ता, आईसी एफडी के चेयरमैन त्रिभुवन राम ,महासचिव डॉक्टर एडब्ल्यू सिद्धकी और पदमश्री डॉक्टर शादाब मोहम्मद मौजूद रहे।