नेताजी का भरोसा बड़ा
शख्सियत : रामकुमार सिंह
परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं था। लेकिन युवा आंखों में राजनीति के जरिए जनसेवा के प्रति रुचि साफ देखी जा सकती थी। लोगों की समस्याओं को अपनी आवाज देने की ललक ने ही छात्र जीवन से ही उन्हें हर मोड़ पर आगे रखा। जौनपुर में जन्म लेने के बाद बाराबंकी उनका कर्मक्षेत्र बना। माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा बाराबंकी में ही ग्रहण करने के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय का रुख किया। विश्वविद्यालय में पहले 1988-89 में महामंत्री बने और फिर 1995-96 में अध्यक्ष चुने गए। राजनीति का ककहरा उन्होंने समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव से सीखा। वही उनके आदर्श हैं। उनका एक कथन उनके लिए जीवन का सूत्र वाक्य बन गया, कि छोटे मन का आदमी कभी तरक्की नहीं कर सकता। जहां जुल्म व अत्याचार दिखे वहां खड़े हो जाओ और जुल्म के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ो। वे स्वयं को भाग्यशाली भी मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव जैसे नेता का हाथ उनके सिर पर है। यह युवा नेता कोई और नहीं सबका जाना पहचाना चेहरा एवं उप्र की अखिलेश यादव सरकार में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार अरविन्द सिंह गोप हैं। चौबीसो घण्टे और 365 दिन सिर्फ राजनीति के जरिए जनसेवा करना और जनता से सीधे संवाद स्थापित करने के हामी अरविन्द सिंह गोप ने ‘दस्तक टाइम्स’ से खुलकर अपना अब तक का सफर साझा किया। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के कुछ प्रमुख अंश-
राजनीति की ओर रुझान कैसे हुआ?
परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं था। पिता चिकित्सक थे और बाराबंकी में उनकी तैनाती थी। जौनपुर में पैतृक गांव हैं जहां आज भी पूरा परिवार एक छत के नीचे रहता है। वहां जन्म लेने के बाद पिता के साथ बाराबंकी आ गया। पिता का कार्यक्षेत्र बाराबंकी था तो मेरा भी कर्मक्षेत्र बाराबंकी बन गया। अब तो 35 सालों से यहीं पर जनसेवा कर रहा हूं। इण्टर बाराबंकी के ही राजकीय इण्टर कालेज से किया। यहां भी छात्रों का नेतृत्व किया। राजनीति में आने की प्रेरणा मुलायम सिंह यादव को देखकर ही हुई। फिर लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया तो नेताजी के सीधे सम्पर्क में आया। विश्वविद्यालय में छात्र संघ का महामंत्री और फिर अध्यक्ष हुआ। यहां भी नेताजी का ही आशीर्वाद मिला।
छात्र राजनीति के बाद सक्रिय राजनीति में कब प्रवेश किया?
भाजपा नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ पहला विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में फिर इसी हैदरगढ़ सीट पर जब उप चुनाव हुआ तो जीत हासिल हुई। उसके बाद दो बार विधायक चुना गया। बाद में जब यह सीट सुरक्षित घोषित हुई तो फिर रामनगर विधानसभा का रुख किया और वहां से वर्तमान में भी विधायक हूं। सूबे में जब पूर्व में नेताजी के नेतृत्व में सरकार बनी थी तब उन्होंने मुझे सरकार में शामिल करते हुए मंत्री बनाया। उसके बाद साल 2012 में नेताजी ने अखिलेश यादव के रूप में ऊर्जावान एवं शानदार नेतृत्व दिया। जिन्होंने पूरे प्रदेश में क्रांति रथ चलाया और समूचा युवा वर्ग उनके साथ जुड़ गया। अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद उन्होंने मुझे ग्राम्य विकास विभाग की जिम्मेदारी देते हुए राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया।
आपको हाल में सपा का प्रदेश महासचिव भी बनाया गया है?
जी हां, मैं संगठन से शुरू से ही जुड़ा रहा हूॅ। छात्र संघ अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नेता जी ने पार्टी में प्रदेश सचिव बनाया। नयी जिम्मेदारी मिलने के बाद अब संगठन में और प्राण फूंकने में जुटा हूं। यूं भी पूरे देश में सपा की सांगठनिक क्षमता का लोहा माना जाता है। यह सब कुछ नेताजी के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका है। संस्कार, अदब, लिहाज तथा रिश्ते कैसे निभाये जाते हैं, यह सब नेताजी से ही सीखा है। पूरे देश में मुलायम सिंह यादव जैसा कोई राजनेता नहीं है। अब जबकि मुझे नयी जिम्मेदारी संगठन में दी गयी है तो विधानसभावार प्रशिक्षण शिविर का कार्यक्रम फिर से शुरु करने जा रहा हूं। लक्ष्य 2017 है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गांव और जनता के बीच जा रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में तो लोग बहकावे में आ गये लेकिन 2017 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में एक बार फिर प्रचण्ड बहुमत की सरकार उप्र में बनेगी। हाल में हुए फरेन्दा विधानसभा उपचुनाव का परिणाम इस बात का प्रमाण है जहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही। नेताजी हमारे मार्ग दर्शक हैं। वे सीख भी देते हैं और डांटते भी हैं। अब हम सब पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर विकास योजनाओं को पहुंचा रहे हैं।
अखिलेश यादव के नेतृत्व में चल रही सरकार के कामकाज को कैसे देखते हैं?
जब विधानसभा चुनाव होने थे तब सपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था जिसे लेकर विपक्ष ने कटाक्ष भी खूब किए थे लेकिन मैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने तीन साल में ही घोषणा पत्र को पूरा-पूरा लागू करके दिखाया। सरकार किसी एक वर्ग या जाति की नहीं होती, सरकार सबकी होती है। सबकी मदद करके मुख्यमंत्री ने यह सिद्ध कर दिया। उन्होंने योजनाओं को नि:स्वार्थ लागू किया तो लोगों को उसका लाभ भी मिला। मुख्यमंत्री ने कभी खजाना खाली होने अथवा संसाधन नहीं होने की बात नहीं की, सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान रखा। लैपटॉप, कन्या विद्याधन, समाजवादी पेन्शन, लोहिया आवास यह सब ऐसी योजनायें हैं जिनका लाभ समाज के सभी वर्गों को बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है। तीन लाख पांच हजार रुपए में लोहिया आवास, जिसमें पंखा, सोलर लाइट, चार्जर तमाम सुविधायें मुहैया करायी गयी हैं। जिसके चलते आज लोहिया आवासों में उत्सव का माहौल है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऐसी व्यवस्था की जिससे की हर विधायक मरीज की मदद कर सके। इसके लिए उन्होंने शासनादेश जारी कर 25 लाख रुपए खर्च करने का प्रावधान किया। यही वजह है कि इलाज के अभाव में सूबे में किसी की मौत नहीं हुई। इसी तरह शिक्षा, खेल आदि सभी क्षेत्रों में समग्र विकास किया है सरकार ने। सरकार किसानों के साथ खड़ी दिखती है। सरकार की मंशा है कि गरीब के चेहरे पर मुस्कान हो। जब गरीब दुआ देता है तो इंसान तरक्की करता है। उप्र में अखिलेश यादव का काम बेजोड़ और बेदाग नेतृत्व रहा है।
आप छात्र राजनीति से निकले हैं लेकिन छात्र संघ अभी भी निष्क्रिय हैं?
समाजवादी पार्टी छात्रसंघों की पक्षधर है। इसीलिए 99 फीसदी नेता जो छात्रसंघों से निकले वे नेताजी और अखिलेश यादव के साथ हैं। छात्रसंघों पर बंद ताला खोलने की अगुवाई समाजवादी पार्टी ने ही की। तत्कालीन बसपा सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर निकले थे। अब छात्रसंघों के चुनाव लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही होने हैं।
आपका अपने क्षेत्र से बहुत जुड़ाव रहता है। दिनचर्या कैसी रहती है?
24 घण्टे सिर्फ राजनीति और जनसेवा ही करनी है। सोच यह रहती है कि गरीब और कमजोर की कैसे मदद की जाये। रात्रि विश्राम हमेशा बाराबंकी में अपने क्षेत्र में ही रहता है। सुबह से दोपहर 12 बजे तक क्षेत्र और जिले के लोगों की समस्याओं का समाधान करना, लोगों से मिलना नित्य का कार्यक्रम है। जनता से सीधे संवाद करने में मेरा विश्वास है। दो बजे के बाद लखनऊ आ जाता हूं। विभाग की फाइलों का निस्तारण और संगठन का काम दोनों ओर बराबर नजर रखता हूं। ग्राम्य विकास मंत्रालय में बीते तीन साल में बहुत काम हुआ। विभाग का हर कर्मचारी-अधिकारी संतुष्ट है। क्षेत्र और जिले के भी लोग संतुष्ट हैं। वहां के लोगों का भी समाजवादी पार्टी पर भरोसा है। तभी तो जब 2012 विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत आजमगढ़ से होनी थी लेकिन किन्हीं कारणोंवश कार्यक्रम बदल गया तो मैंने नेताजी से अनुरोध कर चुनाव प्रचार की शुरुआत बाराबंकी से करने का अनुरोध किया। बहुत कम समय में नेताजी की चुनावी सभा बाराबंकी में हुई लेकिन वहां लाखों की भीड़ एकत्र हुई। और फिर सभी छह में छह सीटें जीतकर सपा ने बाराबंकी में इतिहास रचा।
आपकी भक्ति और व्रत के संबंध में बहुत चर्चा रहती है?
हां, पिछले 25 सालों से ज्यादा समय से नवरात्र का व्रत रहता रहा हूं और वह भी सिर्फ जल और लौंग पर। नवरात्रों में घर से भी बाहर नहीं आता था। घर में घट स्थापना और नित्य दुर्गा सप्तशती के सभी 13 अध्यायों का पाठ करता हूं। लेकिन इधर 2-3 साल से इसमें आंशिक परिवर्तन किया है। अब कुछ तरल पदार्थ ले लेता हूं। इसके अलावा साल के अंतिम दिन तुलसीपुर स्थित माँ पाटेश्वरी का दर्शन करना और साल के पहले दिन 40-50 दोस्तों के साथ मां वैष्णो देवी के दर्शन करने जाने का नियम वर्षों से चल रहा है। इस सब में मित्रों का बहुत सहयोग रहता है। मित्र ही हमारी पूंजी हैं।
आपकी तरक्की होने वाली है और आप कैबिनेट मिनिस्टर होने वाले हैं?
देखिये, मेरे लिए आदरणीय नेताजी मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भरोसा ही बहुत बड़ा है, पद उसके आगे कुछ भी नहीं है। जो कुछ जीवन में हासिल किया वह सिर्फ नेताजी के आशीर्वाद से ही संभव था। मेरे लिए नेताजी का भरोसा ही सबसे बड़ा है। (साथ में जितेन्द्र शुक्ल )