श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोश गंगवार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि मार्च 2018 तक सरकारी विभाग में लगभग सात लाख पद खाली पड़े हैं। लगभग 2.6 लाख पद अकेले रेलवे में खाली हैं। हालांकि मार्च 2019 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में खाली पड़े पदों की संख्या को लेकर संसद में कोई आकंड़ा नहीं दिया गया। इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया। गंगवार ने कहा कि खाली पदों को भरना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके अलावा रोजगार के अवसर पैदा करना और रोजगार में सुधार करने पर भी सरकार जोर दे रही है। उन्होंने यह बातें लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपक बैज और भाजपा सांसद दर्शना जरदोश के सवाल के जवाब में बताईं।
बैज और जरदोश सरकारी विभाग में खाली पड़े पदों की संख्या और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर सरकार से जवाब चाहते थे। जवाब में गंगवार ने कहा कि खाली पदों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का काम है कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली रिक्तियां भर दी जाएं।
व्यय विभाग के अनुसार सरकारी विभागों और मंत्रालयों में सभी स्तरों पर एक मार्च, 2018 तक 6.4 लाख पद खाली पड़े थे। डाटा दिखाता है कि 38.03 लाख स्वीकृत पदों की तुलना में केवल 31.19 पदों पर ही नियुक्तियां हुईं। सबसे ज्यादा सरकारी नौकरी देने वाले रेलवे के लिए स्वीकृत पदों की संख्या 15.08 थी। इसके बाद दूसरे नंबर पर रक्षा मंत्रालय का है। जहां स्वीकृत पदों की संख्या 5.85 लाख थी जबकि 1.87 लाख पद खाली पड़े हैं। वहीं दिल्ली पुलिस में 72,365 पद खाली हैं।