पूरी दुनिया के 10 प्रदूषित शहरों में 7 भारत के, गुरुग्राम है पहले नंबर पर…
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है। यह सूची देख कर आप हैरान हो जाएंगे। इस सूची में 10 शहरों में से 7 शहर भारत के हैं। इसमें से पांच शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मौजूद हैं। दुनिया के 20 शहरों में भी 15 शहर भारत के हैं। दो शहर चीन के, दो पाकिस्तान के और एक बांग्लादेश के हैं।
हाल में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक गुरुग्राम दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, आईक्यूएयर एयरविज़ुअल एंड ग्रीनपीस द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि वर्ष 2018 के दौरान प्रदूषण स्तर के मामले में गुरुग्राम दुनिया के सभी शहरों से आगे रहा है, हालांकि पिछले साल की तुलना में उसका स्कोर कुछ बेहतर हुआ है।
PM 2.5 के आधार पर बनाया गया सूचकांक
इस सूचकांक में 2018 के PM 2.5 के आधार पर बारीक पार्टिकुलेट मैटर मापकर इसे तय किया गया। यह प्रदूषक तत्व मानव के फेफड़ों और रक्त में गहराई तक समा जाता है। सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में गुरुग्राम के बाद गाजियाबाद दूसरे नंबर पर, तीसरे नंबर पर फैसलाबाद (पाकिस्तान), चौथे नंबर पर फरीदाबाद तथा पांचवें नंबर पर भिवाड़ी हैं। सूची में छठा स्थान नोएडा का है, जबकि सातवें और नौवें पायदान पर क्रमशः पटना (बिहार) और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) हैं।
वाराणसी 14 वें नंबर पर
लिस्ट में आठवें स्थान पर चीन का होटन शहर है और आखिरी (10वें) पायदान पर पाकिस्तान का लाहौर मौजूद है। इस सूची में दिल्ली 11 वें नंबर पर, जोधपुर (राजस्थान) 12 वें नंबर पर, 13 वें नंबर पर मुजफ्फरपुर (बिहार), 14 वें वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और 15वें नंबर मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) पर है। 16 वें नंबर पर आगरा (उत्तर प्रदेश), 17 वें नबर पर ढाका (बांग्लादेश), 18 वें नंबर पर गया (बिहार), 19 वें नंबर पर चीन का काशघर और 20 वें नंबर पर जिंद (हरियाणा) है।
दुनिया के 30 शहरों में से 22 भारत के
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे तेज़ गति से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था, यानी भारत के 22 शहर सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहरों के टॉप 30 में मौजूद हैं। इस सूची में पांच शहर चीन के हैं, दो शहर पाकिस्तान के तथा एक शहर बांग्लादेश का है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018 में चीन ने प्रदूषण को कम करने की दिशा में खासा काम किया है और पिछले साल की तुलना में उसकी धरती पर प्रदूषक तत्वों का औसत जमाव 12 फीसदी तक कम हुआ है।