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अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मिलेगी शिक्षा के अधिकार की बड़ी सौगात

अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू- कश्मीर और लद्दाख को जो सबसे बड़ा तोहफा मिलेगा, वह शिक्षा का अधिकार (आरटीई) का होगा। जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छह से चौदह साल की उम्र के सभी बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। साथ ही प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। फिलहाल यह नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के सभी राज्यों में लागू है।

संसद के दोनों सदनों से अनुच्छेद 370 को हटाने से जुड़े विधेयक के पारित होने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद मंत्रालय जल्द ही इसे लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी करेगा।

खासबात यह है कि आरटीई कानून के तहत स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने सहित स्कूलों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जरूरी मदद दी जाती है। गौरतलब है कि बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने 2009 में आरटीई के कानून को मंजूरी दी थी। जो उसी समय सभी राज्यों में लागू हो गई थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के प्रावधानों के चलते राज्य की विधानसभा ने इसे मंजूरी नहीं दी थी।

यही वजह है कि राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए विपक्ष को घेरा।

अल्पसंख्यक मंत्रालय ने भी योजनाओं के अमल की बनाई रणनीति

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने भी इस बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अपनी सभी योजनाओं को पहुंचाने के लिए काम शुरू कर दिया है। मंत्रालय के मुताबकि जम्मू-कश्मीर में अब तक अल्पसंख्यक आयोग एक्ट नहीं लागू था, पर अब यह लागू होगा। हुनर हाट का भी आयोग जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में किया जाएगा।

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