मेरठ में बिताएं अपना वीकेंड, घूमें इन पांच ऐतिहासिक जगहों पर…
हमारी एक बुरी सोच है कि हम आस-पास की चीजों को महत्व नहीं देते हैं। वैसे ही अगर घूमने जाना हो तो महंगी टिकट करके मीलों दूर जाना मंजूर है लेकिन पास में बसी बेहतरीन जगहों पर घूमना कम ही होता है। तो इस वीकेंड अपनी आदत को सुधारें और दिल्ली से महज तीन घंटे की दूरी पर बसे मेरठ की शानदार जगहों पर घूम आइए।
गांधी बाग
यह कंपनी गार्डन के नाम से ज्यादा लोकप्रिय है। आजादी से भी पूर्व बने इस गार्डन में खूबसूरत फौव्वारे लगे हुए हैं। कैंटोनमेंट बोर्ड की देख-रेख में इसे बढ़िया तरीके से संरक्षित किया गया है।
परीक्षितगढ़
पांडव-काल में अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित द्वारा बसाई गई नगरी के नाम से मशहूर यह जगह ऐतिहासिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। खुदाई में यहां से प्राचीन काल के चांदी व तांबे के सिक्के मिले थे। यहां आस-पास गुफाएं हैं, जिन्हें हस्तिनापुर का मार्ग बताया जाता है।
औघड़नाथ मंदिर
प्राचीन शिव मंदिर औघड़नाथ के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर में शिव लिंग की स्थापना नहीं की गई थी। यहां पर एक स्वयंभू शिव लिंग है, जिसके कारण इसका महत्त्व और बढ़ जाता है। 1857 के प्रथम स्वतंत्र संग्राम की शुरुआत इसी मंदिर से हुई थी। संग्राम का केंद्र होने के कारण इसे काली पल्टन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
जॉन्स चर्च
यह मेरठ की सांस्कृतिक विविधता की मिसाल है, यहां का एक गिरजाघर भी प्रसिद्ध है। 1821 में बना यह उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मारे गए अंग्रेजी सैनिक यहां पर दफनाए गए हैं। पुराने विक्टोरियन शैली में बना यह चर्च बहुत ही खूबसूरत है ।