सर्किट मेें बने रहने के लिए टूर्नामेंट में हिस्सा लेना जरूरी : सौरभ वर्मा
लखनऊ : लुक्नो इंजरी के चलते मेरे कॅरियर पर काफी प्रभाव पड़ा और मेरी निगाह कैलेंडर ईयर में ज्यादा टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पर है क्योंकि सर्किट में बने रहने के लिए यह जरूरी है। यह कहना भारत के सौरभ वर्मा का जिन्होंने सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप एचएसबीसी वलर्ड टूअर सुपर 300-2019 के पुरूष सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह बनाई इस टूर्नामेंट में के.श्रीकांत के बाहर हो जाने के बाद अब मेजबान की उम्मीदों का भार सौरभ वर्मा का है।
मोदी बैडमिंटन में पुरूष सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचे
मोदी बैडमिंटन टूर्नामेंट में 2011 में उपविजेता रहे सौरभ इससे पहले पिछले दो साल में चार टूर्नामेंटों में खिताब जीत चुके है। सौरभ ने कहा कि कल होने वाले सेमीफाइनल में वह प्रतिद्वंद्वी कोरिया के हेओ क्वांग ही के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए पूरा जोर लगाएंगे ताकि फाइनल में पहुंच कर वहां भी जीत दर्ज कर सके। पिछले लगभग 3 साल से हैदराबाद में पी.गोपीचंद अकादमी में अभ्यास कर रहे सौरभ वर्मा का कॅरियर चोटों से बुरी तरह प्रभावित रहा था और 2015 का साल उनके लिए खराब रहा जब वह सर्किट से बाहर रहे।
सौरभ की मानें तो 2016 के बाद से उनका पूरा प्रयास है कि वह हर साल चार से पांच टूर्नामेंटों में हिस्सा ले ताकि वह सर्किट में बने रहे और अपनी लय भी पा सकेंगे। सौरभ ने यह भी कहा कि सर्किट में बने रहने के लिए टूर्नामेंट में हिस्सा लेना जरूरी है क्योंकि कोर्ट पर नहीं उतरेंगे तो फिर वापसी मुश्किल हो जाती है इसके साथ सौरभ यह भी देख रहे है कि वह चोट से बचे क्योंकि चोट लगने के बाद वापसी में काफी समस्या आती है और उनके कॅरियर पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वह फिटनेस और तकनीक पर भी पूरा ध्यान दे रहे है क्योंकि लय हासिल करके टूर्नामेंटों में खिताबी जीत दर्ज करने के लिए यह काफी जरूरी है।
सौरभ ने आज क्वार्टर फाइनल में थाई प्रतिद्वंद्वी कुनवालत वितिदसर्न के खिलाफ खूब तेजी दिखाई क्योंकि उनके अनुसार वह दूसरे गेम में काफी अटैकिंग खेल रहा था और अगर वह हावी हो जाता तो दिक्कत हो जाती थी। इसके लिए मैने रणनीति अपनाई कि प्रतिद्वंद्वी को बिल्कुल भी मौका नहीं देना है। इसमें मैं काफी हद तक कामयाब रहा और इसका फायदा मुझे जीत के रूप में मिला। अब कल होने वाले मुकाबले में भी मेरा पूरा ध्यान जीत पर रहेगा। सौरभ 2011 में हुए मोदी बैडमिंटन टूर्नामेंट में पुरूष सिंगल्स फाइनल में ओलंपियन तौफीक हिदायत से हारकर उपविजेता रहे थे। सौरभ 2018 में डच ओपन व रसियन ओपन और 2019 में वियतनाम ओपन व हैदराबाद ओपन में खिताब जीत चुके है।