उत्तर प्रदेशस्पोर्ट्स
ऐसे मिले प्रवेश कि तीन साल मिले ट्रेनिंग, रिक्त सीटों का भी हों आकलन
लखनऊ। लखनऊ स्पोर्ट्स काॅलेज सहित अन्य काॅलेजों में पूर्व में मिली खिलाड़ियों की भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता को देखते हुए यूपी के खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी ने निर्देश दिए है कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होनी चाहिए और इसमें कोई शिथिलता न बरती जाये।
खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने यूपी स्पोर्ट्स कालेजेज सोसाइटी की बैठक में दिए निर्देश
वहीं तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में रिक्त सीटों का आंकलन करके नियमानुसार सत्र 2020-21 में प्रवेश करके सीटों को भरा जाये। वहीं इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगी कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में खिलाड़ियों का प्रवेश इस प्रकार से हो कि उनको कम से कम तीन साल का प्रशिक्षण मिले। यह निर्देश खेल मंत्री ने यूपी स्पोर्ट्स कालेजेज सोसाइटी, लखनऊ की सामान्य बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। खेल मंत्री ने इसी के साथ इस बात पर भी मुहर लगाई कि प्रधानाचार्य के पदों में पूर्व में निर्धारित व्यवस्था कालेज नियमावली- 1981 के अनुसार ही भर्ती हो। वहीं वर्तमान में हाईकोर्ट में काॅलेज के मुकदमों की पैरवी कर रहे आशुतोष शाही को कालेज की ओर अधिवक्ता के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने आयु सीमा की धांधली रोेकने के निर्देश भी दिए।
स्पोर्ट्स काॅलेज में खिलाड़ियों की भर्ती प्रक्रिया होनी चाहिए पारदर्शी
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानाचार्य के पदों पर 50 प्रतिशत सीधी व 50 प्रतिशत मौलिक रूप से नियुक्त व 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शिक्षा व खेल अध्यापकों में से कालेज सेवा नियमावली-1981 में निर्धारित चयन समिति द्वारा सीधी पदोन्नति के माध्यम से भर्ती किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत है। इस पर यह निर्णय हुआ कि यह प्रक्रिया खत्म कर दी जाए व प्रधानाचार्य के पदों में पूर्व में निर्धारित व्यवस्था कालेज नियमावली- 1981 के अनुसार ही भर्ती प्रक्रिया रखी जाये। बैठक में आशुतोष शाही को कालेज की तरफ से मुकदमों की पैरवी करने के लिए नामित करने के साथ यह भी निर्णय लिया गया कि आवश्यकता पड़ने पर आशुतोष शाही के सहयोग के लिए एक अन्य अधिवक्ता भी रखा जा सकता है।
बैठक में यूपी स्पोर्ट्स कालेजेज सोसाइटी के सचिव ने अवगत कराया कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में काउंसलिंग के समय अभ्यर्थी अपने जनपद से स्वास्थ्य एवं आयु प्रमाण पत्र (नौ से 12 साल) सीएमओ से बनवाकर देते है लेकिन वास्तविकता में छात्रों की आयु प्रमाण पत्र में अंकित आयु से अधिक होती है। । इस पर अपर मुख्य सचिव खेल ने प्रस्ताव दिया कि मुख्य चयन परीक्षा से पूर्व तीनों स्पोर्ट्स कालेजों के प्रधानाचार्य आपस में विचार-विमर्श कर निर्णय लें। बैठक में खेल मंत्री ने आदेश गया कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में रिक्त सीटों का आंकलन करके आगामी सत्र में सीटों को भरा जाये।
बैठक में यूपी स्पोर्ट्स कालेजेज सोसाइटी के सचिव ने अवगत कराया कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में काउंसलिंग के समय अभ्यर्थी अपने जनपद से स्वास्थ्य एवं आयु प्रमाण पत्र (नौ से 12 साल) सीएमओ से बनवाकर देते है लेकिन वास्तविकता में छात्रों की आयु प्रमाण पत्र में अंकित आयु से अधिक होती है। । इस पर अपर मुख्य सचिव खेल ने प्रस्ताव दिया कि मुख्य चयन परीक्षा से पूर्व तीनों स्पोर्ट्स कालेजों के प्रधानाचार्य आपस में विचार-विमर्श कर निर्णय लें। बैठक में खेल मंत्री ने आदेश गया कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में रिक्त सीटों का आंकलन करके आगामी सत्र में सीटों को भरा जाये।
बैठक में खेल निदेशक डा.आरपी सिंह ने ने सुझाव दिया कि तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में प्रशिक्षु छात्रों को उनकी आयु एवं कक्षा के अनुसार स्पोर्ट्स कालेज आवंटित किये जायें जिसमें कक्षा-6 से कक्षा-8 तक के छात्रों को एक स्पोर्ट्स कालेज में तथा कक्षा-9 से कक्षा-12 तक के छात्रों को एक स्पोर्ट्स कालेज में रखा जाये।