नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को नियंत्रक महालेखाकार (सीजीए) द्वारा आयोजित 44वें सिविल लेखा दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू करने के फैसले की तारीफ की। वित्त मंत्री ने कहा, पूरी दुनिया में जहां भी हम जाते हैं वहां डीबीटी और जीएसटी के बारे में बातें की जाती हैं। ये लोकतंत्र में एक मूक क्रांति का हिस्सा बन चुके हैं। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जीडीपी के तीसरी तिमाही का आंकड़ा पेश किया है जिसको लेकर कांग्रेस ने शनिवार को निशाना साधा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यक्रम में आगे कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की वजह से बिचौलियों को हटाया गया और सरकार के साथ-साथ इसका फायदा जनता को भी हुआ। तकनीक के कुशल उपयोग से देश ने 1 लाख करोड़ रुपये बचाए, इससे साफ पता टलता है कि टेक्नॉलजी की मदद से भ्रष्टाचार और गलत कामों को सिस्टम से बाहर निकाला जा सकता है।
दूसरी तरफ, चंडीगढ़ में आयोजित एक बैठक में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने टैक्स कलेक्शन पर बात की। उन्होंने कहा कि जबसे हमारा टैक्स का दायरा बढ़ा है करदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है और साथ ही कर संग्रह भी बढ़ा है। फरवरी महीने की टैक्स कलेक्शन अगर आप देखें तो पिछले साल के मुकाबले उसमें 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2000 रुपये के नोट पर वित्त मंत्री ने दी सफाई हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा बयान दिया था। इंडियन बैंक ही नहीं बल्कि एसबीआई ने भी छोटे शहरों में मौजूद अपने एटीएम में से 2000 रुपए के नोट की ट्रे हटानी शुरू कर दी है। हालांकि हम इस खबर की पुष्टि नहीं करते और न ही एसबीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान दिया गया है। मीडिया में चल रही खबरों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार की ओर से दो हजार रुपए के नोटों को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।