सरकार के इतने बड़े आर्थिक राहत पैकेज का आतंकवादी कर सकते हैं दुरुपयोग: रिपोर्ट
नई दिल्ली: वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग देखने वाली कंपनी वित्तीय कार्रवाई कार्यदल ने दावा किया है कि अलग अलग देशों ने आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए जो राहत पैकेज की घोषणा की गई है उससे आंतकवादियों और अपराधियों को फायदा हो सकता है।
एक रिपोर्ट के जरिए चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी और अपराधी इस आर्थिक गिरावट का इस्तेमाल नया पैसा बनाने या फिर अपने आतंकी ठिकानों को और दुरुस्त करने के लिए कर सकते हैं। एफएटीएफ ने रिपोर्ट में बताया कि आर्थिक गिरावट में आतंकवादी या तो रियल एस्टेट में निवेश करता है या खराब पड़े व्यापारों में पैसा डालता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय बोझ को कम करने में कंपनी और व्यक्ति को जो आर्थिक परेशानियां सामने आ रही हैं उससे टैक्स कपट और संबंधित अपराधों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ देश बैंकनोट की निकासी पर भी विचार कर रहे हैं लेकिन एफएटीएफ का कहना है कि बैंकनोट से गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्ति को खरीदी जा सकती है जिस पर निगरानी कर पाना मुश्किल है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ देश ने अनुदान स्कैम में बढ़ोतरी की शंका जताई है। यहां आतंकवादी अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और धर्मार्थ संगठन के तौर पर कोविड-19 के लिए दान की अपील करते हुए ई-मेल कर सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक कुछ देशों ने उल्लंघन करने वालों पर मॉनिटरी पेनल्टी न लगाने का एलान किया है। हालांकि कुछ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट्स ने या तो अपने संचालन में कमी कर दी है या फिर पूरी तरह से बंद कर दिए हैं।
एफएटीएफ का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से कानून प्रवर्तन और सिक्योरिटी फोर्सेस ज्यादा जोखिम में है। जहां दुनिया के सारे बैंक एक बैंक एंटी मनी लॉन्ड्रिंग का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं कुछ देशों ने माना है कि नॉन बैंकिंग प्रक्रियाओं जैसे ऑनलाइन गेमलिंग, इंश्योरेंस सेक्टर और कीमती मेटल्स और स्टोन में बढ़ोतरी हुई है।