![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2020/07/loin.jpg)
विदेशी प्रजाति वन्य-जीव पालते हैं तो विभाग को सूचना दीजिए, नहीं तो होगी जेल
![](http://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2020/07/loin.jpg)
गोरखपुर (एजेंसी): अगर आप वन विभाग से जानकारी साझा किए बगैर विदेशी प्रजाति के जीव-जंतु पालते हैं, तो थोड़ा संभाल जाइए, क्योंकि अपने पालतू विदेशी वन्य-जीव का वन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराए बिना उसे नहीं पाल सकते हैं। गोरखपुर वन प्रभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। एडवाइजरी के मुताबिक विदेशी वन्य-जीव पालन गैर-मुनासिब है।
गोरखपुर के डीएफओ अविनाश कुमार के मुताबिक विदेश प्रजाति के जीव-जंतु एवं पक्षी का पालन करने वालों को एडवाइजरी जारी होने के 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें बेबसाइट्स parivesh.nic.in में New Registration पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। विदेशी जीव-जन्तु और पक्षियों की संख्या की घोषणा करनी होगी। इतना ही नहीं, समय सीमा बीतने के बाद जांच या किसी अन्य स्रोत से जानकारी मिलने पर आरोपी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी।
अधिनियम से बाहर हैं विदेशी जीव-जंतु
भारतीय प्रजातियों के न होने की वजह से यह विदेशी प्रजातियां ‘वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम 1972’ के दायरे से बाहर हैं। इसलिए 30 दिन के अंदर अपने पास मौजूद ऐसे जीव-जंतु की जानकारी देनी अनिवार्य की गई है। बावजूद इसके अगर कोई भी व्यक्ति इस बात को छुपाएगा तो ऐसे वन्य जीवों को गैर-कानूनी माना जाएगा।
शर्तों के साथ अनिवार्य है पंजीकरण
विदेशी प्रजाति के वन्य-जीव आयात के मामलों को लेकर वन-विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के दायरे में ऐसे सभी लोग आएंगे जो विदेश से लाए या आये जीवों को पाल रहे हैं अथवा उनकी खरीद-फरोख्त का कारोबार कर रहे हैं। लेकिन अब उन्हें इस से संबधित जानकारी वन विभाग से साझा करनी होगी। बता दें कि हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ज़िंदा विदेशी जीवों को आयात करने की प्रक्रिया को कारगर बनाने और औपचारिक रूप से इसकी जानकारी जारी करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की। इसके बाद वन-विभाग की ओर से भी ये एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया है कि ऐसे जीवों को रखने, पालने, प्रजनन करने या उनके कारोबार की घोषणा करनी होगी और रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
गोरखपुर में होती है खरीद-फरोख्त, बिक्री और पालन
पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था हेरिटेज फांउडेशन के डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट अनिता अग्रवाल एवं नरेंद्र मिश्र कहते हैं कि यह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का सराहनीय कदम है। गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में बहुत से लोग ऐसे जीवों को पालना पसंद करते हैं, जो विदेश से लाए जाते हैं। लोगों के घरों में पाले जाने वाले पक्षी एवं वन्यजीव में ज्यादातर विदेशी नस्ल के होते हैं। लव बर्ड्स, मकाऊ तोता, अफ्रीकी तोते, चूहे, विदेशी कछुए, विदेशी छिपकली, समेत ऐसे तमाम प्रजातियों के जीवों का कारोबार किया जा रहा है। लोग उन्हें पालतू बनाकर घरों में रखते हैं। वन विभाग के पास अब तक उसका कोई रिकॉर्ड नहीं हुआ करता था।