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दिल्‍ली में गोवध और गोमांस की ब्रिकी पर बैन के लिए कानून बनाने संबंधी याचिका खारिज

दस्तक टाइम्स/एजेंसी:   0.jpg-nggid03281-ngg0dyn-160x120x100-00f0w010c011r110f110r010t010नई दिल्‍ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गोहत्या रोकने और गोमांस एवं इस प्रकार के उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एक कानून लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि यह एक विचार की ‘गलत व्याख्या’ है।

 आप सरकार ने अदालत को सूचित किया कि पशुधन की रक्षा के लिए पहले ही ‘दिल्ली कृषि पशुधन संरक्षण कानून’ है जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एक पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त स्थायी वकील संजय घोष ने दावा किया कि याचिका प्रचार पाने का हथकंडा है और इसे कड़ा दंड लगाते हुए खारिज कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति कृषि पशुधन की हत्या करने के मकसद से या यह जानते हुए कि उसकी हत्या की जा सकती है, दिल्ली के किसी भी हिस्से से कृषि पशुधन को दिल्ली के बाहर किसी स्थान पर नहीं लेकर जाएगा या उसे ले जाने का प्रस्ताव नहीं रखेगा। घोष ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार के पास पांच आश्रय गृह हैं जिनमें 23,000 मवेशी रखे जा सकते हैं। हालांकि अभी इन मवेशियों की संख्या 10,000 है। वकील ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता के पास ऐसा कोई मवेशी है, तो वह इसे हमें भेज सकता है।

दिल्ली सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि यह रिट याचिका एक गलत विचार है और इसे खारिज किया जाता है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह कानून लागू करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं कर सकती और इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार निर्णय ले सकती है।

अदालत ने कहा कि उन्हें इस मामले पर निर्णय लेने दीजिए। हम इस मामले में सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं। स्वामी सत्यानंद चक्रधारी ने याचिका दायर करके राज्य सरकार को यह आदेश दिए जाने की मांग की थी कि वह जम्मू-कश्मीर में लागू उस 1932 रणबीर आचार संहिता की तरह एक कानून लागू करे जिसके तहत गोहत्या और ‘इस प्रकार के पशुओं’ की हत्या करने पर 10 साल तक के कारावास की सजा सुनाने के साथ साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

वकील नवल किशोर झा के जरिए दायर की गई याचिका में राज्य सरकार को एक ‘गोकुल ग्राम’ स्थापित करने का आदेश देने की भी बात कही गई है।

 

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