बैकुंठ चतुर्दशी के उपलक्ष्य पर मन्दिरों में सजी छप्पन भोग की झांकी
जयपुर: शहर के गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रविवार को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई। भगवान विष्णु बैकुंठ लोक पधारने के उपलक्ष्य में छप्पन व्यंजनों के भोग लगाया गया।
राजस्थान में एक मात्र जयपुर के सोड़ाला अजमेर रोड स्थित बैकुंठ नाथ मन्दिर में बैकुंठ चौदस पर श्रद्वालुओं की भीड़ देखने को मिली। महिलाओं ने मन्दिर परिसर में पहुंच किसी ने 108 तो किसी ने 8 परिक्रमा लगाई और खुशहाली की मनोकामना मांगी। इस बीच व्रती महिलाएं मंदिर परिसर में दीप जलाकर बैकुंठी अर्पण कर भगवान विष्णु की कथा भी सूनी।
इस दौरान मंदिर परिसर में कोरोना काल के चलते राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की पालने की गई। सभी श्रद्वालुओं ने दो गज दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग ) और मुंह पर मास्क लगाए दिखे। बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मी नारायण बाईजी मंदिर में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई।
ठाकुरजी का अभिषेक कर चांदी की पोशाक व सोने के आभूषण धारण करवाए गए। श्रद्धालुओं ने सभी झांकियों के दर्शन किए। महंत पुरुषोत्तम भारती ने बताया कि देवउठनी को भगवान विष्णु पाताल लोक में शेष शैय्या से जागते हैं तथा वैकुंठ चतुर्दशी को स्वर्ग लोक जाते हैं।
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दुर्गापुरा स्थित राधा मोहनजी मंदिर में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई। इसके साथ ही महाआरती की गई और गलता तीर्थ में पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सान्निध्य में बैकुंठ चतुर्दशी पर विशेष पूजा अर्चना की गई।
आदर्श नगर के जनता व साकेत कॉलेानी स्थित अमृतेश्वर महादेव मंदिर में लक्ष्मीणारायण भगवान की झांकियां सजाई गई। वैकुंठ चतुर्दशी पर लक्ष्मीनारायण भगवान के विशेष अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई।
इसके बाद फूल बंगले की झांकी सजाई गई। दिनभर में सात झांकियों के दर्शन कराए गए। उधर चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधा दामोदरजी में वैकुंठ चतुर्दशी पर सुबह गिर्राजजी का पंचामृत अभिषेक किया गया।
इसके बाद विशेष श्रृंगार झांकी के दर्शन करवाए गए। इसके अलावा पानों का दरीबा सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार की विशेष झांकी सजाई गई। सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सोमवार को पूर्णिमा पर रास झांकी के दर्शन होंगे।
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