हरियाणा: कोरोना वैक्सीन में कोरोना का किल्ड वायरस होता है जिसे किसी भी व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। इस किल्ड वायरस अथवा वैक्सीन में एंटी बॉडी नहीं होता है। यह संबंधित व्यक्ति के शरीर में जाने के बाद ही एंटी बॉडी बनाता है। हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य और निकाय मंत्री अनिल विज पर अभी परीक्षण पूरा नहीं हो सका था जिसके चलते उनके शरीर में एंटी बॉडी नहीं बन सका और इस बीच वह किसी संक्रमित के संपर्क में आकर खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए।
यह कहना है हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य और निकाय मंत्री विज पर ट्रायल करने वाली टीम में शामिल रहे पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ सांइस रोहतक के वाइस चांसलर प्रो. ओपी कालरा का। कालरा के अनुसार कोरोना गाइडलाइन के पालन में ढिलाई तथा संक्रमित के संपर्क में आने के कारण ही मंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इधर भारत बायोटेक कंपनी ने भी साफ कर दिया है कि यह ट्रायल दो चरणों में पूरा होता है जबकि मंत्री विज को एक ही टीका लगाया गया था।
कालरा ने बताया कि हरियाणा में पहले व दूसरे चरण में हुए कोरोना वैक्सीन ट्रायल को 93 फीसदी से अधिक सफलता मिली है। यही कारण है कि तीसरे चरण में होने वाले ट्रायल में सामान्य लोगों के अलावा शुगर, बीपी तथा किडनी रोगियों को भी शामिल किया गया है। इस ट्रायल में आयु सीमा को लेकर तय शर्त को हटा दिया गया है।
हरियाणा में कोरोना वैक्सीन का पहले चरण का ट्रायल 17 जुलाई व दूसरे चरण की शुरूआत 03 सितम्बर से हुई थी। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज को वैक्सीन की पहली डोज़ 20 नवम्बर को दी गई थी। दूसरी डोज़ परीक्षण के बाद 18 दिसंबर को दी जानी थी। इससे पहले ही वह कोरोना पॉजिटिव हो गए।
कालरा ने वैक्सीन में किसी प्रकार की खामी होने से इनकार करते हुए कहा कि जिन व्यक्तियों पर ट्रायल किया गया है उनके शरीर में 42 दिन बाद एंटी बॉडी विकसित होना शुरू होता है। लिहाजा विज को अभी 42 दिन पूरे नहीं हुए हैं। दूसरा जिस व्यक्ति पर यह ट्रायल होता है उसके लिए कोविड गाइडलाइन का पालन करना बहेद अनिवार्य है।
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ऐसे व्यक्ति को हर समय मास्क व सेनिटाइजर इस्तेमाल के साथ-साथ लोगों से दूरी बनाकर रखना जरूरी है। ट्रायल में शामिल व्यक्ति को भीड़-भाड़ से दूर रहना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इसमें दवाई की खामी का कोई कारण नहीं है।
वाइस चांसलर प्रो. कालरा ने कहा कि विज अभी कई दिनों तक डाक्टरों की निगरानी में रहेंगे जिसका मुख्य कारण उनका कोरोना पॉजिटिव होना तथा उन पर चल रहा ट्रायल है। ऐसे में फिलहाल 18 दिसम्बर को उन्हें इंजेक्शन नहीं लगाया जाएगा। यह जोखिम भरा हो सकता है। कालरा ने बताया कि विज के दोबारा नए सिरे से टेस्ट होंगे। उसके बाद ही वैक्सीन की दूसरी डोज़ इंजेक्ट करने पर कोई फैसला लिया जाएगा।
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