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जयपुर के एक घर में घुसा तेंदुआ, भीड़ को चीरता हुआ आया, लोग दहशत में

panthor-a12_1446896599स्तक टाइम्स/एजेंसी राजस्थान: जयपुर। राजधानी के जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित मिलाप नगर कॉलोनी के एक मकान में तेंदुआ घुस गया। इससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इसी दौरान तेंदुआ लोगों की भीड़ को चीरता हुआ दूसरे मकान में घुस गया। इससे लोग दहशत में आ गए। इस घर में मौजूद लोग भी घबरा गए। तेंदुआ मकान नंबर 109 के पीछे एक पतले गलियारे से होते हुए एक कमरे में जा घुसा। वन विभाग की टीम और पुलिस ने लगातार 4 घंटे की कड़ी मशक्कत से तेंदुआ को ट्रंकुलाइज किया और उसे जाल में बांधकर टवेरा गाड़ी से जयपुर जू ले गए। तेंदुआ मकान नंबर 86, 87, 88, 110, 109 में घुस कर रहवासियों में दहशत फैला चुका था। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुआ चार साल का मेल है।
 
यह कॉलोनी जयपुरिया अस्पताल और वर्ल्ड ट्रेड पार्क के सामने है। सुबह पांच बजे के आसपास मकान नंबर 89 में रह रहे एक छात्र शैलेंद्र मीणा ने देखा कि कमरे के पीछे गैलरी में लोहे की परात के पास तेंदुआ सो रहा है। उन्होंने वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी संजय पालीवाल को घटना की जानकारी दी। उन्होंने सुबह 6 बजे पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। लोगों के शोर-शराबे से जागकर तेंदुआ पास में ही बंद और झाड़ियों से भरे मकान नंबर 87 में घुस गया। फिर शुरु हुआ तेंदुआ को रेस्क्यू करने का हाई वोल्टेज ड्रामा।
ट्रंकुलाइजिंग टीम हुई लेट
 
सूचना मिलने के करीब तीन घंटे बाद ट्रंकुलाइजिंग टीम मौके पर पहुंची। तभी तक मौके पर काफी भीड़ लग चुकी थी। लोगों के हुजूम का आलम यह था कि मुट्ठी भर पुलिस उन्हें कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। मकान नंबर 88 की झाड़ियों से निकलकर जब तेंदुआ खाली प्लॉट नंबर 87 में पहुंचा तो ऐसा लगा कि वह अब ट्रंकुलाइज हो जाएगा, लेकिन पब्लिक की चीख और भीड़ ने उसे भागने पर मजबूर कर दिया। फिर तो उसे ट्रंकुलाइज करना टेढ़ी खीर हो गया था। चार घंटे के बाद आइजक थॉमस के मकान (109) में उसे ट्रंकुलाइज कर बेहोश किया गया।
 
जब लोगों पर मारा झपट्‌टा
 
प्लॉट नंबर 87 से जब तेंदुआ वापस 88 में भागा तो वहां भी लोगों की भीड़ देखकर वह दीवार फांदकर बाहर आ गया। बाहर खड़े लोगों में अफरातफरी मच गई। कुछ लोग मकान नंबर 110 की ओर भागे। तेंदुआ भी उसी ओर भागा। आगे-आगे लोग और पीछे-पीछे तेंदुआ। कई लोगों की सांसें थम गईं। महिलाएं और बच्चे चीखने चिल्लाने लगे। तेंदुआ भागते हुए मकान नंबर 110 के पास फूलों की झाड़ियों में जाकर बैठ गया। वहां जब लोगों ने पत्थर फेंका तो वह मकान नंबर 110 के पीछे 109 में एक खाली कमरे में जा घुसा।
 
लोगों ने खिड़की दरवाजे किए बंद, दहशत की स्थिति
 
यहां मिलाप नगर कॉलोनी के मकान नंबर 88 में यह तेंदुआ घुस गया था। यह मकान काफी दिनों से खाली है और यहां झाड़ियां उगी हुई हैं। यह तेंदुआ अंधेरे में जंगल से यहां प्रवेश कर गया। इसके बाद दिन निकलने के साथ ही लोगों की भीड़ यहां जमा हो गई। अब यह कुछ ही देर पहले एक दूसरे मकान में घुस गया, जिसमें लोग रह रहे हैं। लोगों ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए ताकि कहीं उनके यहां नहीं घुस जाए तेंदुआ।
 
झालाना अभयारण्य है नजदीक, जहां है तेंदुआ का मूवमेंट

वन विभाग के अधीन यहां जवाहर लाल नेहरू मार्ग से सटा झालाना अभयारण्य है। यह बड़ा वन क्षेत्र है, जहां सालों से तेंदुआ सहित अनेक वन्यजीवों का मूवमेंट है। माना जा रहा है कि निश्चित रूप से यह तेंदुआ झालाना वन क्षेत्र से जेएलएन मार्ग क्रॉस कर यहां पहुंच गया।

 

पहले भी सड़क पर आ चुके हैं पैंथर
 
झालाना वन क्षेत्र में कई पैंथर के मूवमेंट के चलते कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें पैंथर वन क्षेत्र छोड़ सड़क पर निकल आए हैं। करीब पांच साल पहले भी एक पैंथर सड़क पार कर दूसरी ओर चला गया था।
 
आरटीओ ऑफिस और जवाहर नगर के बीच रास्ते को क्रॉस कर दूसरी ओर चले जाने पर आधी रात तक हड़कंप मचा रहा था। पैंथर को बाद मेें वन विभाग के अधिकारियों ने ट्रंकुलाइज कर काबू मेें किया था। इसके अलावा और भी कई घटनाएं इस तरह की हो चुकी हैं। एक-दो घटनाओं में तो वन विभाग के कर्मचारी घायल तक हो चुके हैं। इसके अलावा राजसमंद के धूलिका गांव में पैंथर घुस गया था और पानी पीने के लिए एक मटके में सिर घुसा तो अटक गया।

आमतौर पर देखे जाते हैं पैंथर

झालाना वन क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट आमतौर पर देखा जाता है। यहां एक मंदिर भी है और बड़ी संख्या में लोग घूमने भी आते हैं। कई बार ऐसे लोगों के सामने से गुजरते हुए पैंथर देखे गए हैं।

 

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