नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में गुरुवार रात 11.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे लोग सहम गए और अपने-अपने घरों से बाहर निकल आये।
भूकंप का केंद्र राजस्थान के अलवर में 5 किमी. की गहराई में था
भारतीय मौसम विभाग के सिस्मोलॉजी विभाग के निदेशक (ऑपरेशंस) जेएल गौतम के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई है। भूकम्प का केंद्र राजस्थान के अलवर में लगभग पांच किलोमीटर गहराई में था। दिल्ली से लेकर नोएडा, गाजियाबाद तक भूकंप के झटके महसूस किए गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) में वैज्ञानिक जेएल गौतम ने बताया कि अभी तक ऐसी कोई तकनीक नहीं बनी है जिससे पहले से इसके बारे में बताया जा सके। भूकम्प आने के बाद तीव्रता का अंदाजा तो लगाया जा सकता है पर पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता।उन्होंने बताया कि भूकंप आने वाले क्षेत्र 5 जोन में बंटे हैं जिसमें 5वां जोन सबसे खतरे में है। दिल्ली का इलाका चौथे जोन में आता है।
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जेएल गौतम ने बताया
जेएल गौतम ने बताया कि हिमालय के आसपास वाले इलाके में बड़े भूकंप आने का खतरा ज्यादा है, क्योंकि वहां पर प्लेटें खिसक रही हैं। इसलिए हिंदुकुश पर्वत से लेकर उत्तर-पूर्व तक भूकम्प का ज्यादा खतरा है। चूंकि हिमालयी क्षेत्र से 250 से 300 किलोमीटर के करीब दिल्ली की दूरी है, इसलिए वहां आए भूकम्प का असर इस इलाके में दिख सकता है। जैसे पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकंप का असर दिल्ली तक देखा गया था।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दिल्ली-एनसीआर में 12 अप्रैल से तीन जून तक आये भूकम्प का यह 15वां झटका था। इससे पहले आये 14 भूकंप निम्न से मध्यम तीव्रता के थे।
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