गाजियाबाद: देश के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम के लिए शनिवार को पहले 220केवी/33केवी/25केवी पावर सब-स्टेशन का निर्माण कार्य मुराद नगर में शुरू हो गया। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह तथा जनरल कंसल्टेंट, एनसीआरटीसी और इरकॉन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इसका शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरआरटीएस परियोजना के पहले सब-सिस्टम का कार्यान्वयन शुरू होना बड़ी उपलब्धि है। मुराद नगर में स्थित इस पावर सब-स्टेशन को यूपीपीटीसीएल के मुराद नगर ग्रिड से 220 केवी के केबल द्वारा बिजली मिलेगी।
इस 220 केवी बिजली को कम कर 25केवी बिजली गुलधर से मेरठ साउथ के बीच और और दुहाई डिपो को आरआरटीएस ट्रेन के परिचालन के लिए भेजा जाएगा। 220केवी को कम कर 33केवी बिजली गुलधर, दुहाई, मुराद नगर, मोदी नगर साउथ, मोदी नगर नॉर्थ और मेरठ साउथ को बिजली आपूर्ति की जाएगी।
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प्रत्येक स्टेशन पर 220केवी मेरठ साउथ तक सभी स्टेशनों को भेजी जाएगी। 415 वोल्ट बिजली स्टेशन की जरूरतों जैसे लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियाँ, लाइट, सिग्नल और टेलीकॉम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि एनसीआरटीसी 220केवी 33केवी और 25केवी स्तर पर नवीनतम तकनीक इंडोर जीआईएस (गैस इंसुलेटेड स्विचगियर) सबस्टेशन का उपयोग कर रहा है। इससे सब-स्टेशन के लिए जरूरी भूमि की आवश्यकता कम हो जाती है। रिसीविंग सब-स्टेशन को एपीएफ़ (एक्टिव पावर फिल्टर) से लैस किया जाएगा ताकि बिजली की गुणवत्ता बनाई रखी जा सके और संरक्षण किया जा सके।
82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए एनसीआरटीसी ऐसे 4 और पावर सब स्टेशन बनाएगा। उन्होंने बताया कि आरआरटीएस पावर सब-स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की उच्चतम रेटिंग के अनुरूप किया जाएगा। बिल्डिंग की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर एक नजर
- आरआरटीएस ट्रेनों की डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटे होगी जबकि औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी। दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय की जा सकेगी।
- आरआरटीएस ट्रेनें 5 से 10 मिनट की अवधि पर उपलब्ध होंगी। स्टेशन हर 5 से 10 किमी पर उपलब्ध होंगे।
- 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर में 24 स्टेशन हैं। साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड, जिसमें चार स्टेशन हैं।
- साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई, का परिचालन 2023 से प्रस्तावित है। पूरा कॉरिडोर जनता के लिए 2025 से खुलेगा।
- अब तक 3500 से अधिक पाइल (पिलर की नींव) का निर्माण हो चुका है और 300 से अधिक पिलर बन चुके है।
- प्राथमिक खंड पर वायाडक्ट का तीव्र गति से निर्माण देखा जा सकता है।
-प्राथमिक खंड के चार स्टेशनों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
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