पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर को इस स्लोगन पर थी आपति
स्पोर्ट्स डेस्क : उत्तराखंड हेड कोच पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रहे वसीम जाफर अब नए विवाद में फंस गये हैं. बोला जा रहा है कि सचिव महिम वर्मा और मुख्य सिलेक्टर रिजवान शमशाद के साथ हुए विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफा सौंपा है.
बीसीसीआई उपाध्यक्ष रहे महिम का आरोप है कि वसीम जाफर लगातार CAU के अधिकारियों से लड़ रहे थे और मजहबी गतिविधियों के आधार पर टीम को तोड़ने की कोशिश में लगे थे. उन्होंने बोला कि, जाफर का पूरा समर्थन किया गया और टीम सिलेक्शन को लेकर उन्हें खुली छूट दी गयी, लेकिन वो इकबाल अब्दुल्ला, समद सल्ला और जय बिस्टा को बतौर गेस्ट प्लेयर लाये और कुणाल चंदेला की जगह इक़बाल को कप्तान बना दिया.
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वही हाल ही में मुश्ताक अली ट्रॉफी में उत्तराखंड का प्रदर्शन खराब रहा है और टीम पांच में से चार मैच हार गयी. अधिकारियों का बोलना है कि, घरेलू क्रिकेट में अधिक रन बनने वाले बल्लेबाज होने की वजह सब उनकी बात मानते रहे और विजय हजारे ट्रॉफी की गयी टीम में इक़बाल की जगह चंदेला कप्तान बनाये गए.
सचिव का आरोप है कि टीम के कैंप के दौरान वसीम जाफर मौलवियों को बुलाते थे. मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान टीम के मैनेजर रहे नवनीत मिश्रा के हवाले से दैनिक जागरण ने समाचार में लिखा कि कैंप के दौरान आयोजन स्थल पर तीन मौलवी आये थे और जाफर ने बोला था कि ये जुम्मे की नमाज पढ़ाने आए हैं. आरोप है कि दो बार ऐसा हुआ.
फिलहाल जाफर ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वही उत्तराखंड टीम का स्लोगन ‘राम भक्त हनुमान की जय’ को जाफर ने बदलवा दिया कि ये धार्मिक है और अधिकारियों के सुझाव ‘उत्तराखंड की जय’ स्लोगन में जय नाम से आपत्ति जताई. फिर उत्तराखंड टीम का स्लोगन ‘गो उत्तराखंड’ रखा गया.
उन पर ये भी आरोप है कि इक़बाल को आगे बढ़ाने के चक्कर में उन्होंने चंदेला को निचले क्रम का बल्लेबाज बनाया है. मैनेजर ने एक और खुलासा किया कि विजय हजारे ट्रॉफी में वसीम जाफर ने समानांतर टीम बनाई थी जबकि टीम का चयन करना चयनकर्ताओं का काम है.
वही उन्होंने मेल लिख कर बोला कि मैं तुम लोगों का नौकर नहीं हूँ. मैनेजर ने उन पर बदतमीजी का भी आरोप लगाया और कहा कि अब उन्होंने जाफर के कॉल्स उठाने बंद कर दिया हैं. वसीम जाफर इस पद के लिये 45 लाख रुपए प्रति सत्र की फीस लेते थे.
वसीम जाफर वरिष्ठ टीम के कोच नियुक्त हुए थे. उन्होंने माहिम पर टीम चयन में दखल देने के आरोप लगाए थे लेकिन सचिव ने उन पर कई आरोप लगाए हैं. रिजवान ने भी जाफर के आरोपों को बकवास बताया.
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