कोरोना ने ली ध्यानचंद के बड़े बेटे मोहन सिंह की जान
स्पोर्ट्स डेस्क : हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के सबसे बड़े बेटे मोहन सिंह की सोमवार को दोपहर 3:30 बजे राजस्थान के कोटा शहर में उनके घर पर मौत हो गयी.
ध्यानचंद के सबसे बड़े बेटे मोहन सिंह के निधन से पहले दो अन्य प्लेयर का निधन हुआ है. वो कुछ दिन पहले ही कोरोना से उबर कर अस्पताल से घर लौटे थे.
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कल अचानक ही उनकी सांसों ने उनका साथ छोड़ दिया. मेजर ध्यानचंद के परिवार की रीढ़ की हड्डी मोहन सिंह को पूरा परिवार अपने पिता की तरह मान सम्मान देता था. सारे परिवार के बच्चों से उनका अद्भुत लगाव और स्नेह था. सहज सरल स्वभाव के धनी और सभी से प्रेमव्रत व्यवहार.
अशोक कुमार की पूरी पढ़ाई और परवरिश करने वाले मोहन सिंह ही रहे. घर मे बड़े होने के नाते सबसे पहले शासकीय सेवा में मोहन सिंह ही नौकरी मे लगे.
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जब वो राजस्थान सरकार के खेल विभाग में काम करना शुरू किये. उस टाइम मेजर ध्यानचंद सेवा निवृत हो चुके थे. परिवार की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक थी और मेजर ध्यानचंद की थोड़ी सी पेंशन में परिवार का गुजारा हो पाना संभव नहीं था.
ऐसे हालत में मोहन सिंह ने ही अपने छोटे भाई बहनों को अपने छोटे से वेतन संसाधनों में पढ़ाया-लिखाया और उनकी परवरिश की. मोहन सिंह ही अशोक कुमार को उच्च शिक्षा के लिए झांसी से कोटा लेकर आए.
अशोक कुमार की सफलता की कहानी पर्दे के पीछे लिखने वाले मोहन सिंह ही थे. मोहन सिंह की परवरिश और मार्ग दर्शन का नतीजा है, जिसके चलते देश और दुनिया को अशोक कुमार जैसा महान हॉकी प्लेयर मिल पाया.
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