ओलंपिक से पहले जापान में क्यों बढ़ी इमरजेंसी, जानें वजह
स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक की मेजबानी होने में अब कम समय बचा है लेकिन इस टूर्नामेंट के आयोजन पर संदेह हो रहा हैं. इसके साथ जापान में मेजबानी को लेकर विरोध तेज हो रहा है. इसमें आम जनता से लेकर डॉक्टर, बिजनेसमैन और यहां तक अखबार भी नाखुशी जता चुके हैं.
वही जापान में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप के चलते जापान में कुछ जगह लागू इमरजेंसी बढ़ा दी गयी है. जापान ने शुक्रवार को टोक्यो और अन्य क्षेत्रों में कोरोना की वजह से लागू इमरजेंसी 20 और दिन बढ़ा दी है. यहाँ 50 दिन के अंदर ओलंपिक के आयोजन की तैयारी हो रही है जबकि अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है.
वही इमरजेंसी बढ़ाने के फैसले के बारे में जापान के पीएम योशिहिदे सुगा ने बोला कि ओसाका में मामलों की संख्या अधिक ही है और वहां चिकित्सीय प्रणाली पर अब भी अतिरिक्त भार है.
वही होकाइडो से फुकुओका तक नौ क्षेत्रों में आपात काल 20 दिन तक बढ़ा है जबकि ओकिनावा में पहले ही 20 जून तक आपातकाल लागू रहेगा.
जापान की राजधानी और आठ अन्य शहरों में लागू आपात काल अगले सोमवार तक लागू था लेकिन कुछ क्षेत्रों में अस्पतालों में अब भी काफी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के साथ हाल में गंभीर केस की संख्या भी काफी है.
ओलंपिक की मेजबानी पिछले वर्ष होनी थी लेकिन कोरोना की वजह से इससे एक वर्ष तक के लिए पोस्टपोन किया गया था. इस वर्ष टोक्यो ओलंपिक की मेजबानी 23 जुलाई से आठ अगस्त के बीच होनी है.
ओलंपिक आयोजकों को इस तारीख तक फैसला करना होगा कि वो किसी भी दर्शक को मंजूरी देंगे या नहीं क्योंकि विदेशी दर्शक महीनों पहले बैन हो चुके है.
वही जापान सरकार ओलंपिक के आयोजन को लेकर प्रतिबद्ध है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी बोला कि खेलों की मेजबानी की जानी है. भले ही मेजबान शहर टोक्यो में आपातकाल लगा हो.
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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जापान के एथलीटों के टीकाकरण की प्राथमिकता की योजना के भी तभी शुरू होने की उम्मीद है. वही नये वैरिएंट की चिंता है जबकि जापान में धीमे टीकाकरण अभियान से जनता, चिकित्सीय विशेषज्ञ और यहां तक कि एक प्रायोजक ने खेलों को कैंसिल करने की बात बोली.
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इस बारे में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है नया वैरिएंट अधिक लोगों को कोरोना की चपेट में आ रहा है और उन्हें गंभीर रूप से बीमार बना रहा है जिससे हॉस्पिटल में बुरा हाल है. जापान में नौकरशाही और योजना में गलती और खामियों से जापान में सिर्फ 2.3 फीसदी जनसंख्या का ही पूर्ण रूप से टीकाकरण हुआ है.
दूसरी ओर उम्रदराज वयस्कों के टीकाकरण का मौजूदा चरण भी खेलों के शुरू होने से पहले खत्म नहीं होगा. बताते चले कि जापान में अब तक 730,000 कोरोना के मामले निकले है और 12,700 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं.
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