भारत के अंतरिक्ष विभाग इसरो (ISRO) ने अपनी नई लॉन्च साइट तैयार करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को आमंत्रित किया है. इसके लिए इसरो ने अपनी नई अंतरिक्ष परिवहन नीति (New Space Transportation Policy) का ड्राफ्ट जारी किया है, जिससे प्राइवेट कंपनियां भी देश में लॉन्चिंग साइट तैयार कर सकेंगी. मालूम हो कि ISRO का पहला और एकमात्र सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित है. अब ऐसा ही दूसरा अंतरिक्ष केंद्र (Space Center) तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम के पास थूथुकुडी में तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए ISRO ने देश की प्राइवेट कंपनियों को बुलाया है.
ISRO नई अंतरिक्ष परिवहन नीति की सहायता से प्राइवेट कंपनियां इसरो की लॉन्चिंग साइट्स का इस्तेमाल अपने मिशन के लिए कर सकेंगी. इसी के साथ, इस ड्राफ्ट में ये भी कहा गया है कि कोई भी भारतीय कंपनी जो देश के बाहर लॉन्च साइट तैयार करना चाहती है, उसे IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) से मंजूरी लेनी होगी. बता दें कि IN-SPACe, ISRO के तहत बनाया गया एक स्वतंत्र निकाय है, जिसे हाल ही में स्पेस सेक्टर के उद्घाटन की देखरेख के लिए बनाया गया है.
अब तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका काफी सीमित रही है. केवल कम महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ही प्राइवेट सेक्टर की सेवाएं ली जाती रही हैं, लेकिन अब सरकार ISRO की सुविधाओं को प्राइवेट सेक्टर के साथ भी साझा करने पर विचार कर रही है. सरकार की एक घोषणा के अनुसार, आने वाले समय में भारत का प्राइवेट सेक्टर भारत के अंतरिक्ष से जुड़े कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. वहीं, अंतरिक्ष विभाग (DoS) का कहना है कि वैश्विक स्तर पर लॉन्च सेवाएं देने में प्राइवेट एजेंसियों की भागीदारी बढ़ी है और उनमें से कुछ इसके लिए कॉमर्शियल मार्केट में महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गए हैं.
DoS ने क्रियान्यन के लिए 21 जुलाई तक टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित करते हुए शुक्रवार को “मसौदा राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण नीति-2020-मानदंड, दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं (एनजीपी) को सार्वजनिक तौर पर सामने रखा. राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिवहन नीति 2020 का मकसद अंतरिक्ष ट्रांसपोर्ट सिस्टम के मामले में देश में अंतरिक्ष क्षेत्र की संभावनाओं को उजागर करना है. इसमें मुख्य रूप से प्राइवेट कंपनियों को लॉन्च वाहनों (Launch Vehicles) को तैयार करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय समझौतों और सुरक्षा नियमों के भीतर भारतीय क्षेत्र से लॉन्च करने के लिए देश के भीतर एक अनुकूल महुअल बनाना है.