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14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 40 प्रतिशत शिक्षण पद रिक्त, सरकर ने राज्यसभा में दी जानकारी

नई दिल्ली: देश के 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 40 प्रतिशत से अधिक स्वीकृत शिक्षण पद रिक्त पड़े हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा को यह जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिक्षा मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि 44 केंद्रीय विश्वविद्यालय में से 14 में शिक्षण पदों पर 40 फीसदी से अधिक रिक्तियां हैं। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत से अधिक शिक्षण पद रिक्त हैं।

44 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में लगभग 19,000 शिक्षण पदों में से 6,000 से अधिक पद इस वर्ष 1 अप्रैल तक रिक्त थे। दिल्ली विश्वविद्यालय में सबसे अधिक पद रिक्त हैं। इस विश्वविद्यालय में स्वीकृत शिक्षण पद 1706 हैं, जिनमें से 846 पद रिक्त हैं। इसके बाद, इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान है, जहां 863 स्वीकृत शिक्षण पदों में से 598 पद रिक्त हैं। शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सभा को यह भी सूचित किया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 22 कुलपतियों के पद रिक्त हैं। इनमें 12 पदों पर नियुक्तियों को पहले ही विजिटर द्वारा अंतिम रूप दिया जा चुका है।

बता दें कि शिक्षा मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार, इस वर्ष 1 अप्रैल तक सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में 33.4 प्रतिशत शिक्षण पद और 37.7 प्रतिशत गैर शिक्षण पद रिक्त थे। आंकड़ों से यह भी स्पष्ट हुआ कि 44 सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी में 50 प्रतिशत से अधिक, 23 में 30 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त हैं। वहीं, मात्र 3 यूनिवर्सिटी में 20 प्रतिशत से कम पद रिक्त हैं।

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि रिक्तियों का उत्पन्न होना और भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। तीन वर्ष से अधिक समय से रिक्त पड़े पदों के संबंध में केंद्रीय स्तर पर डेटा नहीं रखे जाते हैं। वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। जिसमें संबंधित केंद्रीय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद/न्यायालय का नामांकन प्राप्त करना, खोज-सह-चयन समिति का गठन, पदों का विज्ञापन आदि शामिल है।

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