वाहनों का संचालन कर आत्मनिर्भर बन रहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मिशन रोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया मिशन शक्ति अभियान अब गांव-गांव पहुंच गया है। इस अभियान के तहत प्रदेश में पहली बार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वाहनों का संचालन कर आय अर्जित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेशभर में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को नवाचारों से जोड़ा जा रहा है। ग्राम पंयायतों में बी.सी.सखी का चयन हो, महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बिजली बिल का कलेक्शन हो या फिर महिला किसानों को कृषि आजीविका गतिविधियों के माध्यम से लाभान्वित करने का काम उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर रहा है। समूह से समृद्धि की ओर का सपना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर रहा है।
इससे महिलाओं को जहां रोजगार उपलब्ध हो रहा है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवागमन की सुविधा का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के तहत सबसे पहले लखनऊ और जालौन में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गयी थी। अब प्रदेश के कई जनपदों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं वाहनों का संचालन कर न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि औरों को भी रोजगार देने का काम कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के एमडी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा 268 वाहनों का संचालन किया जा रहा है। महिलाएं इसके माध्यम से आय अर्जित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 1.03 करोड़ ड्रेस का निर्माण कराया गया। इससे प्रति महिला को प्रति ड्रेस 100 रूपये की आमदनी सिलाई के रूप में प्राप्त हुई।