कॉटन से बने मास्क चल सकते है एक साल तक, धोकर पहनने पर भी बचाते है कोरोना से
न्यूयॉर्क: यूएस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के रिसर्चर्स ने दावा किया गया है कि ऐसे मास्क जो धुलकर पहने जा सकते हैं वो सालभर बाद भी कोरोना के कणों को इंसान तक पहुंचने से रोकते हैं। कॉटन के बने दो लेयर वाले मास्क को एक साल बाद रिप्लेस करने की जरूरत नहीं है। ऐरोसॉल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च जर्नल में ये स्टडी पब्लिश हुई है। रिसर्च करने वाली कोलोराडो यूनिवर्सिटी की रिसर्चर मेरिना वेंस कहती हैं, ‘महामारी की शुरुआत से अब तक रोजाना करीब 7200 टन मेडिकल वेस्ट निकल रहा है।
इसमें डिस्पोजेबल मास्क की संख्या ज्यादा है। यह पर्यावरण के लिए खतरा बन रहे हैं। इस खतरे को कम करने के लिए यह रिसर्च की गई कि धोकर सुखाने के बाद मास्क कितनी सुरक्षा देते हैं।’ टेस्टिंग के लिए मास्क को एक स्टील की नली पर लगाया गया। इसके बाद नली में एक तरफ से हवा और एयरबॉर्न पार्टिकल्स छोड़े गए। यह मास्क नमी वाले माहौल और तापमान घटने-बढ़ने पर कितने पार्टिकल्स को रोक पा रहा है, इसे भी जांचा गया। प्रयोग के बाद रिपोर्ट में सामने आया कि कॉटन के मास्क को कई बार धोने के बाद भी इसकी फिल्टर करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा।
दर्जनों बाद धोकर इस्तेमाल करने के बाद भी यह सुरक्षा देता है। रिसर्चर्स का कहना है, मास्क पहनें तो ध्यान रखें की इसकी पर्त और इंसान के चेहरे के बीच गैप नहीं होना चाहिए। यह चेहरे पर अच्छी तरह फिट होना चाहिए। अलग-अलग लोगों के चेहरे के आकार में फर्क होता है, इसलिए इसे अपने चेहरे पर फिट करते हुए पहनें। बता दें कि कोरोना संक्रमण के इस दौर ने लोगों को मास्क पहनने की जरूरतों को अच्छी तरह से समझा दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से मास्क पहनकर रखना चाहिए।