अमित शाह और उद्धव ठाकरे की दिल्ली में होगी मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना (BJP-Shivsena) के बीच वर्तमान में बेहद तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं. यह बात किसी से ढंकी-छुपी नहीं है. ऐसे माहौल में रविवार (26 सितंबर) को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) और देश के गृहमंत्री अमित शाह (HM Amit Shah) के बीच दिल्ली में एक अहम बैठक होने वाली है.
दरअसल, देश में जगह-जगह नक्सलवादी कार्रवाइयों, नक्सलग्रस्त भागों के विकास, शहरी नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर गृहमंत्री अमित शाह ने एक मीटिंग बुलाई है. नक्सल प्रभावित राज्यों के प्रतिनिधि इस बैठक में मौजूद रहेंगे. इसी मीटिंग में भाग लेने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी जाएंगे. लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जिस तरह पिछली बार जब उद्धव ठाकरे अपने प्रतिनिधिमंडल लेकर दिल्ली गए थे तो उनकी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ वन टू वन मीटिंग भी हुई थी, क्या इस बार भी अमित शाह के साथ उद्धव ठाकरे की वैसी ही अकेले में मुलाकात होगी? और अगर मुलाकात हुई तो बीजेपी और शिवसेना के बीच दूरियों को कम करने का कोई रास्ता निकलेगा? यही वजह है कि उद्धव ठाकरे के इस दौरे पर लोगों की नज़रें टिकी हुई हैं.
राज्यों में नक्सलवाद से निपटने के लिए केंद्र की जो राष्ट्रीय योजनाएं और संकल्प हैं, उसे एक निश्चित आकार देने का समय आ गया है. बैठक में इस बात पर चर्चा होने वाली है. 2015 में केंद्र ने एक संकल्प निश्चित किया था. इसे आगे बढ़ाते हुए सुरक्षा से जुड़े उपाय, विकास के कामों को गति देना और स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा जैसे मुद्दे अहम होंगे.
इस बैठक के लिए दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को एक मीटिंग की. इस मीटिंग में राज्य के गृहंमंत्री दिलीप वलसे पाटील, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे. नक्सलवादी कार्रवाइयों को रोकने के लिए राज्य सरकार की कोशिशें, नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में जो विकास के काम शुरू हैं, उनका जायजा, निधि की व्यवस्था, निधि खर्च नहीं होने के कारण, जंगलों से जुड़े तथ्य, केंद्र-राज्य समन्वय जैसे मुद्दों पर बैठक में चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को एक बार फिर ऐसी बैठक बुलाई है. इस बैठक में दिल्ली की मीटिंग में रखने वाले मुद्दे तय किए जाएंगे, यह कहा जा रहा है.