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जानिए कौन हैं भारत की दमदार ऑफिसर स्नेहा दुबे, जिन्होंने कर दी इमरान खान की बोलती बंद

हर बार की तरह संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का राग अलापा। लेकिन भारत ने इस बार भी इमरान खान की बोलती बंद कर दी। इस बार भारत की तरफ से जवाब देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे सामने थीं। उन्होंने बड़े ही प्रभावी तरीके से पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को आईना दिखाया।

कौन हैं स्नेहा दुबे?
इमरान खान की बोलती बंद करने वाली स्नेहा दुबे ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी में सफलता प्राप्त की थी। वे 2012 बैच की महिला आईएफएस अधिकारी हैं। आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। इसके बाद साल 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में उनकी नियुक्ति हुई। कुछ साल बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त किया गया। स्नेहा दुबे को पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में बहुत रुचि थी जिसके चलते उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में जाने का फैसला लिया।

स्नेहा ने जेएनयू से एमए और एमफिल किया है। स्नेहा की शुरुआती शिक्षा गोवा में हुई। इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से स्नातक किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत के आंतरिक मामलों को दुनिया के मंच पर लाने और झूठ फैलाकर प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने की कोशिश की है।

हमनें उनके इस प्रयास के जवाब में ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान और झूठ के लिए वो हमारी सामूहिक अवमानना और सहानुभूति के पात्र हैं। स्नेहा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच का पाकिस्तान ने गलत इस्तेमाल किया है।

स्नेहा दुबे ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और रहेंगे। पाकिस्तान ने इसमें कुछ क्षेत्रों पर अवैध कब्जा कर रखा है। हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने भारत के खिलाफ झूठ फैलाने और उसकी छवि गिराने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल किया है। अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने यह व्यर्थ कोशिश की है।

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