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आज से दिल्ली के स्कूलों में लागू होगा ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे लॉन्च

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार आज शहीद भगत सिंह की जयंती के मौके पर राजधानी के पब्लिक स्कूलों में नर्सरी से कक्षा 12 तक के छात्रों को “सक्रिय और प्रतिबद्ध नागरिक बनने” में मदद करने के उद्देश्य से ‘देश भक्ति’ करिकुलम लागू करने जा रही है. देशभक्ति पाठ्यक्रम छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आज शाम 4.30 बजे लॉन्च किया जाएगा.

स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम के जरिए बच्चों को देश के प्रति उनके कर्तव्य का अहसास कराया जाएगा. उन्हें ये बताया जाएगा कि हर बच्चे की देश के प्रति क्या जिम्मेदारी है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों में देशभक्ति की भावना जागृत करने के मकसद से स्कूलों में ये पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है. यह करिकुलम बच्चों को देश के प्रति गर्व करने के लिए प्रेरित करेगा. बच्चों को देश की गौरव गाथाएं और देश की आजादी की गाथाएं सुनाई जाएगी.

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में फिलहाल कक्षा 9 से 12 के छात्र ही फिजिकल कक्षाओं में भाग ले रहे हैं. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “अभी के लिए, स्कूल आ रहे कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को देशभक्ति पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. एक बार स्कूल फिर से खुलने के बाद बाकी छात्रों को भी पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा.”

दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के मुताबिक नर्सरी से कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए हर दिन देशभक्ति का 1 पीरियड होगा, और कक्षा 9 से 12 के वरिष्ठ छात्रों के लिए प्रति सप्ताह दो कक्षाएं होंगी. DoE ने अपने सर्कुलर में कहा था कि, “प्रत्येक देशभक्ति पीरियड पांच मिनट के ‘देशभक्ति ध्यान’ से शुरू होगा, जहां शिक्षक और छात्र माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करेंगे, देश, स्वतंत्रता सेनानियों और किन्हीं पांच व्यक्तियों के प्रति आभार को रिफ्लेक्ट करेंगे, जिन्हें वे देशभक्त मानते हैं, और उनके सम्मान की शपथ लेंगे.”

गौरतलब है कि, इस साल जून और जुलाई के बीच करिकुलम को डेवलप करने और पायलट चलाने में 41 सलाहकार शिक्षकों, 9 एनजीओ पार्टनर और एक्सपर्ट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पायलट रन का संचालन दिल्ली सरकार के स्कूली शिक्षकों के एक कोर ग्रुप द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 20 स्कूलों में विभिन्न कक्षाओं के 250 से अधिक छात्रों के साथ किया गया था.

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