मां दुर्गा को समर्पित है यह माह, घी का दान करने से बढ़ता है सौंदर्य
मुंबई: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह वर्ष का सातवां माह है। मां दुर्गा को समर्पित इस माह में भगवान सूर्यदेव की उपासना विशेष लाभकारी है। मान्यता के अनुसार माता लक्ष्मी आश्विन मास की पूर्णिमा को समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। यह भी मान्यता है कि इस माह शरद पूर्णिमा की रात्रि में माता लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस मास प्रतिदिन घृत का दान करने से सौंदर्य प्राप्त होता है। आश्विन मास में दान-धर्म करने से दोगुने पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस मास में मन को शांत रखने का प्रयास करें।
आश्विन मास में कई त्योहार आते हैं। इस मास में पितरों और देवी-देवताओं के लिए विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस माह कृष्ण पक्ष से होने वाली शुरुआत में पितरों को समर्पित पितृपक्ष आता है। कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इंदिरा एकादशी व्रत पितृ पक्ष में आता है, इसलिए इसका महत्व अत्यधिक है। शुक्लपक्ष में मां दुर्गा की उपासना का महापर्व नवरात्र आता है। इस मास में प्रतिदिन क्षमता के अनुसार तिल और घी का दान करना चाहिए।
आश्विन मास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह संबंधी कार्य, नए कार्य की शुरुआत नहीं किया जाता है। आश्विन मास में दूध, करेला का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पावन मास में मांस-मदिरा का सेवन भूलकर नहीं करना चाहिए। बुराइयों का त्याग कर मन और वाणी से पवित्र रहना चाहिए। अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस माह दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस माह पौधे रोपना बहुत शुभ माना जाता है। इस माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मां पार्वती का पूजन किया जाता है। इस माह पद्मिनी एकादशी व्रत पर भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना की जाती है। इस माह मन में सकारात्मकता रखें। इस मास में दूध का उपयोग नहीं करना चाहिए।