जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ के लिए किसान महापंचायत ने मांगी इजाजत, आज सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला
किसानों के एक संगठन ‘किसान महापंचायत’ (Kisan Mahapanchayat) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की है. संगठन ने कोर्ट से अपील की है कि किसानों को जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (Three Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन करने की इजाजत दी जानी चाहिए. किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘सत्याग्रह’ (Satyagraha) की अनुमति देने का आग्रह किया है.
किसान संगठन की इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एएम खानविलकर (AM Khanwilkar) की बेंच करेगी. इस याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि किसान महापंचायत के कम से कम 200 लोगों को अहिंसक सत्याग्रह करने के लिए जंतर मंतर पर स्थान उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाना चाहिए. अधिवक्ता अजय चौधरी के माध्यम से दायर याचिका में केंद्र, दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को प्रतिवादी बनाया गया है.
किसान महापंचायत ने कहा कि जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण और अहिंसक सत्याग्रह की अनुमति देने से इनकार करना भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकारों और बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है. संगठन ने कहा, ‘अधिकारियों की कार्रवाई “भेदभावपूर्ण और मनमानी” है क्योंकि विरोध करने की अनुमति एक अन्य किसान संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ को भी दी गई है. जबकि हमें सत्याग्रह आयोजित करने से साफ इनकार कर दिया गया है.’
किसान महापंचायत कृषि समुदाय और किसानों का एक निकाय है जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बॉर्डर (Delhi Border) पर किसानों के प्रदर्शनों (Farmers Protest) के संबंध में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून का पालन करवाना आपका काम है. शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि किसानों को बॉर्डर से हटाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए. अदालत सार्वजनिक जगहों पर धरना देने के मामले में स्पष्ट दिशानिर्देश दे चुका है. ऐसे में सरकार हमसे ये न कहे कि हम नहीं कर पा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपसे हमने हल पूछा कि क्या हल है.
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी नोएडा के याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आई. याचिका में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के सड़कों को जाम करने के कारण नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रियों को हुई असुविधा का जिक्र किया गया है.