61 वर्षों में दूसरी बार सबसे देर से हो रही मॉनसून की वापसी, जानिए आपके क्षेत्र में कब से बंद होगी बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी बुधवार को शुरू हो गई. पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात के कुछ हिस्सों से मॉनसून (Monsoon) के विदाई की शुरुआत हुई है. अगले तीन-चार दिनों में मॉनसून दिल्ली से भी वापसी कर लेगा.
IMD के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी आरके जेनामणि के अनुसार, 1960 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की दूसरी सबसे देरी से वापसी है. 2019 में, उत्तर-पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी 9 अक्टूबर को शुरू हुई थी. उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है. पिछले साल 28 सितंबर, 2019 में 9 अक्टूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर से मॉनसून की वापसी शुरू हुई थी.
आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण पश्चिम मॉनसून पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों और उससे सटे गुजरात से वापस आ गया है. मॉनसून के वापसी की लाइन बीकानेर, जोधपुर, जालौर, भुज और लाट से होकर गुजर रही है. मौसम विभाग ने कहा कि गुजरात के कुछ और हिस्सों, पूरे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से अगले तीन से चार दिन तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
इस बार दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून दो दिन की देरी से तीन जून को केरल पहुंचा था. जून से सितंबर तक चार महीने के दौरान दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के मौसम में देश में ‘सामान्य’ वर्षा हुई. एक जून से 30 सितंबर तक अखिल भारतीय मॉनसूनी वर्षा 87 सेमी रही जबकि 1961-2010 के दौरान लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 88 सेमी है. यह लगातार तीसरा साल है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई. 2019 और 2020 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी.
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वोत्तर मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है. इसकी वजह से अक्टूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में वर्षा होती है.इस बार अक्टूबर की शुरुआत में कई राज्यों में हुई बारिश से खरीफ फसलों की कटाई में देरी हो रही है और उपज की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है. पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में धान की कटाई हो गई है. सोमवार को हुई बारिश से पैदावार को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में अब मॉनसून की वापसी किसानों के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है.
बारिश की गतिविधियों में कमी और खेतों से पानी निकलने के बाद रबी फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू होगी. बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी भी खेतों में पानी जमा है. किसानों का कहना है कि लगातार हुई बारिश के कारण इस बार सरसों और मटर जैसी फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है.