जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में पिछले दो दिनों में आतंकवादियों (Terrorist Attacks) ने पांच बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. इससे घाटी में भय का माहौल व्याप्त हो गया है. आम लोगों को निशाना बनाए जाने से स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक चिंतित है और कार्रवाई की तैयारी कर रही है. इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सिलसिलेवार ट्वीट्स करके आतंकियों को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि हम सबकी जिम्मेदारी है जो कुछ भी कर सकते हैं, उतनी मदद करें. साथ ही उन्होंने लोगों से घाटी नहीं छोड़ने की अपील की है.
कश्मीर में टारगेट कर किए गए हमलों को समुदायों के बीच की खाई को चौड़ा करने के लिए डिजाइन किया गया है. हम आतंकवाद को हुक्म देने की मंजूरी नहीं दे सकते कि वह बताए कि कौन यहां रहे और कौन नहीं. यह जरूरी है कि बहुसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हम सभी उन लोगों तक पहुंचें जो आज अपनी जिंदगी को लेकर डर रहे हैं.
अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हां, यह सच है कि कश्मीर में अधिकांश मौतें मुस्लिम की हुई हैं, लेकिन यह हमें धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित लोगों को सुरक्षित महसूस कराने में मदद करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करने की हमारी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं करता है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रशासन का कर्तव्य है और रहेगा. इसे राजनीतिक सुविधा और गलत वफादारी के अनुरूप लोगों और राजनीतिक दलों में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है. हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम जो मदद कर सकते हैं वह करें.
केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी हमलों के बाद कई लोग घाटी छोड़ने के लिए भी मजबूर हो गए हैं. अब्दुल्ला ने ऐसे लोगों से अपील करते हुए कहा, ”मेरी ओर से मैं उन सभी से दिल से अपील है कि जो डर के मारे घाटी छोड़ने की सोच रहे होंगे. कृपया मत करें. हम इन आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को आपको यहां से दूसरी जगह भेजकर उनके नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने दे सकते. हम में से अधिकांश लोग नहीं चाहते हैं कि आप जाएं.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं के बाद उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने साफ कर दिया है कि आतंवादियों पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों से तेजी से निपटने के लिए कहा गया है. जब उपराज्यपाल सिन्हा से पूछा गया कि क्या यह सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है तो उन्होंने कहा, ”हां हम इसकी जिम्मेदारी लेते हैं और यह हमारी ओर से विफलता है.”