हमारी विचारधारा एक, भाजपा ने वादा तोड़ा और हम अलग हुए, उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
दो रैलियां आज हो रही हैं- हमारी और आरएसएस की. हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं, विचारधारा एक ही है- हिंदुत्व, इसलिए हम भाजपा के साथ गये. लेकिन उन्होंने वादा नहीं निभाया, वरना हम साथ होते. उक्त बातें महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने आज एक कार्यक्रम के दौरान कही.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अपने पिता से किए वादे के लिए सीएम बना. अन्य शिवसैनिक भी सीएम हो सकते हैं. आज महाराष्ट्र को एक अलग नजरिए से देखा जाता है. अगर महाराष्ट्र में कुछ होता है तो वे कहते हैं कि यहां लोकतंत्र की हत्या हुई. अगर महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई तो उत्तर प्रदेश में क्या हुआ?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हिंदुत्व का अर्थ है राष्ट्र के प्रति प्रेम. बालासाहेब ने कहा था कि हम पहले नागरिक हैं, धर्म बाद में आता है. जब हम धर्म को घर में रखकर घरों से बाहर निकलते हैं, तो राष्ट्र हमारा धर्म बन जाता है. धर्म के नाम पर कुछ भी करने वाले के खिलाफ बोलना हमारा कर्तव्य है.
आज यह कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में गरबा नहीं होने दिया जा रहा है, ये कैसा हिंदुत्व है? हिंदुत्व समाज सेवा है. रक्तदान करते समय हम धर्म या जाति के बारे में नहीं सोचते. हम नहीं देखते कि खून हिंदू है, मुस्लिम है या मराठी. गरबा नहीं होने देने के पीछे राष्ट्र का हित है.
शिवाजी महाराज और शिवसेना के संस्थापक ने हमें सिखाया था कि हमें किसी भी चीज से नहीं डरना चाहिए. हम ईडी और सीबीआई से नहीं डरते. इसलिए हमें डराने की जरूरत नहीं, हम धमकी देने के बाद पुलिस के पीछे छिपने वाले नहीं हैं.