दिल्ली की सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित है। केजरीवाल सरकार ने इस दिशा में काफी कार्य भी किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार कहा कि बी आर अंबेडकर का सपना था कि हर दलित बच्चे को उत्तम शिक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन 70 सालों में वह पूरा नहीं हुआ, अब उन्होंने उसे पूरा करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने लोगों से अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा दिलाने की अपील करते हुए कहा कि यह देशभक्ति का सबसे बड़ा काम है और देश को महान बनाने में लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने कहा, ” बाबासाहेब अंबेडकर ने सपना देखा था कि हर दलित बच्चे को उत्तम शिक्षा मिलनी चाहिए लेकिन वह सपना 70 सालों में पूरा नहीं हुआ। मैंने प्रण लिया है कि मैं बाबा साहब के सपने को पूरा करूंगा। ”
त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महर्षि वाल्मीकि को नमन करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सरकारी स्कूल अब ज्यादा बेहतर हैं और इस साल निजी स्कूलों के 2.5 लाख से अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में आए हैं। उन्होंने कहा, ”वाल्मीकि समुदाय के दो बड़े दिग्गज महर्षि वाल्मीकि और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सीखने और शिक्षा पर जोर दिया। मैं आपको अपने बच्चों को स्कूल भेजने और उन्हें किसी अन्य काम में नहीं लगाने का अनुरोध करता हूं।” मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के उन 22 छात्रों को प्रमाणपत्र और शील्ड भी दिए जिन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए।
केजरीवाल ने कहा, ”जिन बच्चों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं उनकी आंखों में सपने हैं और वे आईएएस अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहते थे तथा अन्य क्षेत्रों में जाना चाहते हैं। अपने बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा मुहैया कराना देशभक्ति का सबसे बड़ा काम है और यह देश को महान बनाने में लंबा सफर तय करेगा।”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 12वीं कक्षा के बाद न केवल निशुल्क कोचिंग दी है बल्कि उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये का कर्ज भी मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र किसी विदेशी विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट या अन्य पाठयक्रम में पढ़ाई करना चाहता है तो सरकार उसका भी खर्च वहन करती है।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, महामंडलेश्वर कृष्ण शाह विद्यार्थी, सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान भी शामिल हुईं।