नई दिल्ली: माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के उपयोगकर्ताओं को अब गलत एवं भ्रामक ट्वीट पर चेतावनी वाला ‘लेबल’ नजर आएगा। ट्विटर की ओर से सोशल मीडिया मंच को अधिक प्रभावी तथा कम भ्रामक बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस नए चेतावनी ‘लेबल’ को मंगलवार को दुनिया भर में जारी किया गया। इसका उद्देश्य गलत जानकारियों की आसान पहचान सुनिश्चित करना है। 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले और बाद में चुनाव संबंधी गलत सूचना देने वाली सामग्री से बचाने के लिए बनाया गया है। इस पर चेतावनी ‘लेबल’ पर कंपनी जुलाई से काम कर रही थी। लोगों को झूठ फैलाने से रोकने के लिए पर्याप्त न होने को लेकर उन ‘लेबल’ की आलोचना की गई थी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे ‘लेबल’ उपयोगकर्ताओं के लिए मददगार हो सकते हैं। साथ ही वे सोशल मीडिया मंच को ‘कंटेंट मॉडरेशन’ के अधिक कठिन काम को आसान कर देंगे। इसमें यह तय किया जाता है कि साजिश, झूठ भ्रामक जानकारी फैलाने वाले पोस्ट, फोटो और वीडियो को हटाया जाए या नहीं।
ट्विटर केवल तीन प्रकार की गलत जानकारियों पर ‘लेबल’ अंकित करता है जैसे ‘तथ्य तोड़-मोड़कर पेश करने वाली पोस्ट’, किसी वीडियो तथा ऑडियो के साथ जानबूझकर ऐसे छेड़छाड़, जो कि वास्तविक दुनिया के लिए हानिकारक हो, चुनाव या मतदान संबंधी गलत जानकारी और कोरोना से जुड़ी गलत एवं भ्रामक जानकारियां।
गलत जानकारी की पहचान या उसे अंकित करने के लिए ‘ऑरेंज और रेड ’ को शामिल किया गया है, ताकि वे पहले वाले ‘लेबल’ से अधिक कारगर साबित हों। पहले ‘लेबल’ का रंग नीला (ब्लू) था, जो ट्विटर के रंग से मेल खाता है। ट्विटर ने कहा कि प्रयोगों में सामने आया कि यदि रंग एकदम से आंखों को आकर्षित करने वाला हो, तो यह लोगों को वास्तविक ट्वीट की पहचान करा सकता है। कंपनी ने कहा कि इन ‘लेबल’ पर क्लिक कर जानकारी पड़ने की दर में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, यानी अधिक लोगों ने नए ‘लेबल’ का इस्तेमाल कर गलत एवं भ्रामक ट्वीट के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की।