उत्तर प्रदेशराज्य

प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को रखेंगे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद यूपी एक मात्र ऐसा राज्य होगा, जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो सकेंगे। यह देश का पहला जीरो उत्सर्जन एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट निर्माण में जो पेड़ काटे जाएंगे, उनकी जगह दूसरे पेड़ लगाने के लिए भी जमीन चिह्नित कर ली गई है। इसे जंगल जैसे पार्क का रूप दिया जाएगा। प्रोजेक्ट के पहले चरण में 10,050 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आनी है। इस चरण को 2024 तक पूरा किया जाना है। 1,300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर फैला यह एयरपोर्ट हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगा। पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी का यूपी पर पूरा फोकस है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने कुशीनगर में नए एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। इसके अलावा अयोध्या में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित अन्य एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं। नोएडा में बन रहा एयरपोर्ट, दिल्ली-एनसीआर में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों का दबाव कम होगा।

इन क्षेत्रों की जरूरतें होंगी पूरी

  • दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद से जुड़े लोगों को फायदा।
  • उत्तर भारत के लिए लॉजिस्टिक्स के दरवाजे खुलेंगे। इससे उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्रियल ग्रोथ होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

एयरपोर्ट क्यों खास
1- मल्टी मॉडल कार्गो सेंटर वाला देश का पहला एयरपोर्ट।
2- पूरा फोकस लॉजिस्टिक के खर्च और समय कम करने पर।
3- कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन, बाद में 80 लाख होगी।
4- इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स के परिवहन की सुविधा के कारण निवेश बढ़ेगा।
5- प्रोडक्ट्स इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचने से इंडस्ट्री को फायदा होगा।

इसलिए महत्वपूर्ण है नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

  • 1,300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर प्रोजेक्ट, हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को देगा सेवा।
  • एयरपोर्ट के साथ मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे। टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा होगी।
  • सड़क, ट्रेन और मेट्रो से सीधे जुड़ेगा। यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य महत्वपूर्ण मार्ग भी एयरपोर्ट से जोड़े जाएंगे।
  • दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन से भी यह एयरपोर्ट जोड़ा जाएगा। इससे दिल्ली और इस एयरपोर्ट के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा।
  • नोएडा विमानतल में उत्कृष्ट मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग (MRO) सेवा भी होगी।

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