नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में एक नया क्रिप्टो बिल पेश करेगी। निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के गलत हाथों में जाने के जोखिम पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल मुद्राओं के विज्ञापनों को रोकने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की नियामक क्षमता पर विस्तार से चर्चा हुई है अब आप लोग क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल की प्रतीक्षा करें। राज्यसभा में बोलते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम संसद में एक विधेयक लाने के करीब हैं। कैबिनेट की तरफ से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इसे सदन में पेश किया जाएगा।
बता दें कि सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि केंद्र के पास देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही कहा था कि सरकार बिटकॉइन के लेनदेन पर कोई डेटा एकत्र नहीं करती है। सरकार ने कहा था कि उसे भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से बैंक नोट की परिभाषा के तहत डिजिटल मुद्रा को शामिल करने का प्रस्ताव मिला ह
ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए 31 दिसंबर तक बढ़ाया गया ‘हर घर दस्तक’ टीकाकरण अभियान बता दें कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव पेश किया था। दरअसल सीबीडीसी- डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा मूल रूप से भारत में रुपया या फिएट मुद्राओं का डिजिटल वर्जन है। इसी बीच आरबीआई ने मैक्रो इकोनॉमिक और वित्तीय स्थिरता जोखिमों को प्रस्तुत करने वाली क्रिप्टोकरेंसी पर बार-बार चिंता जताई है।
बता दें कि क्रिप्टो बिल की खबरों के बीच इस बिल को लेकर लोगों में एक बहस छिड़ गई है। दरअसल लोकसभा की वेबसाइट पर बिल को लेकर एक टिप्पणी की गई है जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा इस बिल को लाने का मकसद निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना है। वहीं पीएम मोदी और खुद आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता व्यक्त की है। पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल गलत हाथों में चला गया तो यह देश के अर्थव्यवस्था के लिए खतरा साबित हो सकता है। वहीं आरबीआई ने कहा था कि इसके सही इस्तेमाल के लिए इस मुद्रा को रेग्यूलेट करना जरूरी है। बता दें की पूरी दुनिया में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के सबसे ज्यादा खरीदार हैं।