श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने बुधवार देर रात कुलगाम जिले के रेडवानी इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया।
प्रवक्ता ने कहा कि गुरुवार की तड़के गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादी की पहचान और उसके समूह से जुड़े होने का पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया सूचना मिलने के बाद घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया था। इस दौरान इलाके में छिपे आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया और जवाबी कार्रवाई शुरू की। अंतिम सूचना मिलने तक दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं।
आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने बुधवार को पुलवामा में एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी को मार गिराया था। फ़िरोज़ अहमद डार के रूप में पहचाने जाने वाले श्रेणी ए आतंकवादी, 2018 में शोपियां के ज़ैनपोरा में हुए हमले सहित कई आतंकी अपराधों में शामिल था, जिसमें चार पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। डार 2017 से सक्रिय था। वह फरवरी 2019 में एक लड़की इशरत मुनीर की हत्या में भी शामिल था। पुलिस ने कहा, “डार एक गैर-स्थानीय मजदूर, पंजाब के फाज़िला निवासी चरणजीत की हत्या में शामिल था। इसके अलावा उसने आतंकवादियों का साथ देने के लिए कश्मीर के भोले-भाले युवाओं को लुभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
कश्मीर में नव निर्मित राज्य खुफिया एजेंसी (एसआईए) ने अनंतनाग जिले में जमात-ए-इस्लामी द्वारा कथित रूप से जमीन हड़पने के सिलसिले में बुधवार को घाटी में 16 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ”खुफिया जानकारी के आधार पर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीआईडी की काउंटर इंटेलिजेंस शाखा की प्रारंभिक जांच के बाद, नवगठित राज्य खुफिया एजेंसी ने आज मरहामा (अनंतनाग जिला) में ‘जमात-उस-सौलीहात’ के प्रबंध निकाय के कई सदस्यों के घर पर छापा मारा।”
आरोप है कि जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों ने 35 कनाल (4.5 एकड़) की सामुदायिक भूमि को हथियाने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर किया। अधिकारियों ने कहा, ”राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर रचे गए आपराधिक षड्यंत्र के तहत कुछ जमात-ए-इस्लामी सदस्य अलगावादियों और आतंकवादी संगठनों, विशेषकर हिजबुल मुजाहिदीन से गहरे संबंधों के कारण अपने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव का इस्तेमाल करके राजस्व रिकॉर्ड में कुटिलता से हेरफेर करने में सफल रहे।”