हृदय नारायण दीक्षित ने किया ‘युग पुरुष की भूख’ पुस्तक का विमोचन, कहा- अनुभूति को शब्दों में पिरोना बड़ा श्रमसाध्य कार्य है
अमरेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित ने आज राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन हाल में विजय शंकर पाण्डेय पंकज द्वारा लिखित पुस्तक ‘युग पुरुष की भूख’ का विमोचन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पुस्तक लिखना बहुत ही श्रमसाध्य और कठिन कार्य है। लेखक जब पुस्तक लिखता है तो वह अपने आस-पास से सामग्री लेता है और उसे शब्दों और वाक्यों में अभिव्यक्त करता है। पुस्तक लिखना एक सृजन का कार्य है। अपनी अनुभूति को शब्दों में पिरोना, व्यक्त करना कठिन कार्य होता है। इस कठिन कार्य को लेखक द्वारा सम्पन्न किया जाता है।
श्री दीक्षित ने पुस्तक के लेखक की प्रशंसा करते हुए कहा कि पत्रकार के रूप में इनका दीर्घकालिक अनुभव है। प्रदेश में विगत लम्बे अरसे से घटित राजनैतिक घटनाओं को इन्होंने बहुत निकट से देखा है। इन्होंने अपनी पुस्तक में इन घटनाओं का विषयवार बड़े अच्छे शब्दों में अभिव्यक्त किया है। लेखक ने कम्युनिस्ट, साम्प्रदायिकता, छात्र संघर्ष, मजदूर अंदोलन, चुनाव के आपराधिक क्रम आदि विषयों पर बहुत व्यापक ढंग से विश्लेषण किया है।
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक विजय शंकर पांडेय पंकज जी की पहली किताब है आने वाली किताबें और अधिक मूल्यवान होंगी और अधिक प्राणवान होगी तथा राष्ट्र जीवन को उद्वेलित करेंगी। दीक्षित ने लेखक को शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि इनकी पुस्तक खूब पढ़ी जाए इस पर समीक्षाएं लिखी जाएं और राजनीति में आने वाले लोगों के लिए मार्गदर्शक का कार्य करेंगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री, ब्रजेश पाठक एवं उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह, वीर बहादुर विक्रम मिश्र सहित अन्य पत्रकार व गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।