वजन कम करना है तो मुस्कुराना है जरूरी
आपसे कोई कहे कि वजन कम करना है तो मुस्कुराते रहिए आपको लाभ होगा! ऐसी बात सुनकर आप सामने वाले की शक्ल देखकर जरूर मुस्कुरा देंगे… लेकिन आज हमें ऐसा करने का सुझाव खुद एक एक्सपर्ट दे रहे हैं। वह भी इस पूरी प्रक्रिया को बताते हुए कि मुस्कुराहट किस तरह से हमें वेट कंट्रोल करने में मदद करती है…
कैसे असर डालती है मुस्कान?
-हम कितने भी तनाव या परेशानी में हों, जब हम स्माइल करते हैं तो हमें ऐसा लगने लगता है, जैसे हमारे सिर से कितना सारा बोझ उतर गया। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्माइल करने से हमारे ब्रेन को आराम मिलता है। अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर मुस्कुराने से दिमाग को कैसे आराम मिलता है?
इस तरह होता प्रॉसेसे शुरू
-स्माइल करने से हमारे चेहरे की कई मसल्स पर असर पड़ता है। उनमें खिंचाव होता है, जिससे चेहरे की कोशिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से हमारी नर्व्स में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ता है।
-यह ऑक्सीजन और बढ़ा हुआ ब्लड सर्कुलेशन हमारे चेहरे की रंगत बढ़ाने का काम करता है और हमें एक नई ऊर्जा से भरता है। यह ऊर्जा हमारे तनाव को कम करने का काम करती है। और तनाव मुक्त चेहरा हमें अच्छा फील कराता है।
-इसके पीछे मनोविज्ञान भी काम करता है। आप खुद सोचकर देखिए कि आपको एक उदास चेहरा आकर्षित करता है या मुस्कुराता हुआ चेहरा? हम सभी को चेहरे पर स्माइल लिए हुए लोग अधिक पसंद आते हैं और हम अपने आस-पास ऐसे ही लोगों को रखना चाहते हैं। क्योंकि इससे हमें सकारात्मक महौल मिलता है।
वेट कंट्रोल में मददगार
-आपके मन में यह जानने की उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर वेट कंट्रोल में स्माइल किस तरह मददगार है, अब इसी पर बात करते हैं… दरअसल, जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है तो उसके ब्रेन में कार्टिसोल हॉर्मोन का सीक्रेशन बढ़ जाता है। इससे उदासी बढ़ती है।
-यह बढ़ी हुई उदासी हमारे शरीर में हॉर्मोनल डिसबैलंस क्रिएट करती है। इससे हमें अधिक भूख लगती है। यह भूख आमतौर पर आर्टिफिशल होती है, इसे एंग्जाइटी में होनेवाली क्रेविंग की तरह भी समझ सकते हैं।
-इस क्रेविंग में हम जो भी खाते हैं, उससे हमारे शरीर को लाभ की जगह हानि होती है। क्योंकि इस ओवर ईटिंग के जरिए पेट में गया हुआ फूड फैट के तौर पर हमारे शरीर में स्टोर होने लगता है। आमतौर पर हमारे शरीर को इस फैट की जरूरत कभी नहीं पड़ती…अगर हम इसे कंज्यूम करने के लिए खुद से एफर्ट ना करें।
फैट स्टोरिंग को कंट्रोल करे
-जब हम स्माइल करते हैं तो खुद को तनाव मुक्त अनुभव करते हैं। क्योंकि ऐसा करने से हमारे ब्रेन में डोपामाइन हॉर्मोन का सीक्रेशन बढ़ता है। यह एक प्लेजर हॉर्मोन है, जो हमारे मस्तिष्क को शांत करने का काम करता है।
-डोपामाइन से हमारी उदासी दूर होती है और मेटाबॉलिज़म अपनी प्राकृतिक गति से काम कर पाता है। इससे हमारे शरीर को जरूरी ऊर्जा मिलती रहती है और क्रेविंग नहीं होती। क्रेविंग ना होने से हमारा शरीर एक्स्ट्रा फैट को स्टोर करने से बचता है और हम खुद को फिट रख पाते हैं।
आंतरिक खुशी बढ़ाती है स्माइल
-मुस्कुराने से हमारे अंदर सकारात्मक भाव का संचार होता है। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। यानी अभी तक जो नकारात्मक भाव हम पर हावी था, जिसके चलते हम खुद को कमजोर और असहाय अनुभव कर रहे थे, वह दूर होने लगता है और हमारा अपने आप में विश्वास बढ़ने लगात है।
-यानी है तो पूरा का पूरा हॉर्मोन्स का खेल… लेकिन जुड़ा है हमारे स्माइल करने और ना करने से। तो अबसे जितना हो सके अधिक से अधिक मुस्कुराइए और खुद को फिट रखने का प्रयास कीजिए।