यूपी में RPN का कांग्रेस को झटका, उत्तराखण्ड में ‘हरदा’ की मुश्किलें बढ़ी : VIDEO
उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा बेहद गरम है। हर दिन नये राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। यूपी में कांग्रेस को वेंटिलेटर से बाहर निकालने का दावा करने वाली पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए अपने नेताओं को संभालना ही मुश्किल हो रहा है। पार्टी के स्टार प्रचारक आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को जहां जोरदार झटका लगा है। वहीं भगवा खेमे की ओर से समाजवादी पार्टी पर हमला और तेज होता जा रहा है। विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता अखिलेश यादव को घेरने में जुटे हैं। इन सबके बीच मायावती आगरा से चुनावी रैली का आगाज करने जा रही हैं। वहीं देवभूमि उत्तराखण्ड में हरीश रावत की रामनगर से उम्मीदवारी के बाद कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। भाजपा इसका सियासी लाभ उठाने में जुट गई है। सत्ता के महासंग्राम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हरीश रावत पर हमला और तेज हो गया है, जिससे कांग्रेस को रेस से पूरी तरह बाहर किया जा सके।
रामनगर से ‘हरदा’ को टिकट मिलने पर रणजीत रावत नाराज, पार्टी के फैसले को बताया गलत
उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में रामनगर से टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेस नेता हरीश रावत को अंदरूनी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी का एक गुट जहां रणजीत सिंह रावत को उम्मीदवार नहीं बनाने पर नाराज है। वहीं रणजीत रावत ने भी ‘हरदा’ को टिकट दिये जाने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग अपने क्षेत्र में पहले से सक्रिय हैं, उनको दूसरी जगह पर भेजना और वहां अन्य स्थानों से लाये लोगों को लाने से पार्टी अपने लक्ष्य को किसी भी कीमत पर नहीं हासिल कर पाएगी। रणजीत रावत ने अपने निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर समर्थकों से बातचीत के बाद फैसला करने की बात कही है। ऐसे में हरीश रावत की चुनावी राह और कठिन होती नजर आ रही है।
सीएम धामी का हरीश रावत पर कटाक्ष, बोले—कांग्रेस ही नहीं लेती गम्भीरता से
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद को लेकर अपने अलग—अलग बयानों के कारण कांग्रेस नेता हरीश रावत सियासी निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘हरदा’ पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वह कब क्या बोलते हैं, उन्हें स्वयं ही नहीं पता। इसलिए हरीश रावत को उनकी पार्टी ही गम्भीरता से नहीं लेती। दरअसल हरीश रावत देवभूमि में कभी दलित मुख्यमंत्री बनाने की चाह, कभी भगवान केदारनाथ से स्वयं के लिए आशीर्वाद लेने, कभी पार्टी संगठन से सहयोग नहीं मिलने की बात कहकर सुर्खियों में बने रहने की कोशिश करते रहे हैं। अब उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री राग छेड़ा है। इसमें हरदा ने तमाम सर्वेक्षणों में उन्हें मुख्यमंत्री की पहली पसंद बताया है। हालांकि कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है। ऐसे में हरीश रावत के बयानों से पार्टी बार बार असहज हो रही है।
रसोई गैस सिलेंडर की कीमत मामले में जनता को गुमराह कर रही कांग्रेस: सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस के देवभूमि में सरकार बनने पर रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 500 रुपये के पार नहीं जाने के चुनावी वादे पर पलटवार किया है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का वादा करने का आरोप लगाया है। सीएम धामी ने कहा कि कांग्रेस अपने शासित राज्यों में ऐसाी व्यवस्था नहीं कर पायी है। पार्टी ने लोगों को भ्रमित करने के लिए ये घोषणा पत्र में डाला है। इसका चुनाव में कोई असर नहीं होगा और भाजपा राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।