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परंपरागत वस्त्र कला को बाजार उपलब्ध कराने में आरएसडीसी निभाएगी लीडर की भूमिका – सीएमडी नेहा गिरि

जयपुर । सीएमडी राजस्थान हैण्डलूम डवलपमेंट कारपोरेशन नेहा गिरि ने कहा है कि प्रदेश की परंपरागत वस्त्र कला, रंग संयोजन और प्रिंट के संरक्षण, संवर्द्धन और देश-विदेश में बाजार उपलब्ध कराने में आरएचडीसी लीडर की भूमिका निभाएगा।

सीएमडी गिरि आरएसडीसी द्वारा जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में हैण्डलूम डिजाइन विकास पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। कार्यशाला में प्रदेश के कोने कोने से आए नेशनल व स्टेट अवार्डी हथकर्घा हस्तशिल्पियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। नेहा गिरी ने कहा कि आरएचडीसी आओ बुनने वालों के, सच होने वाले सपने बुने के संकल्प व केन्द्रीय थीम के साथ आगे आएगा और प्रदेश के बुनकरों और दस्तकारों के आर्थिक विकास में भी हिस्सेदार बनेगा।

नेहा गिरि ने कहा कि प्रदेश की वस्त्र बुनाई, रंगाई, छपाई की विशिष्ठ पहचान है। कोरोना के कारण वस्त्र शिल्पियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है पर अब सरकार आरएसडीसी के माध्यम से आगे आकर बाजार उपलब्ध कराने में मंच उपलब्ध कराएगी। इसके लिए प्रदर्शनी, हाट बाजार, सेल आदि का आयोजन किया जाएगा।
कार्यशाला में प्रदेश के अनुभवी टैक्सटाइल डिजाइनर्स, फैशन विशेषज्ञ, हस्तनिर्मित कलाओं के विशेषज्ञ आदि ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में बुनकरों और दस्तकारों में बगरु के दस्तकार पद्मश्री रामकिशोर डेरेवाला, कोटा डोरिया के नेशनल अवार्डी नसरुद्दीन अंसारी, सांगानेरी प्रिेंट के नेशनल अवार्डी अवधेश कुमार सहित विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के कारण प्रभावित इस उद्योग को आगे लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

सीजीएम नायब खान ने बताया कि केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तपन शर्मा, वनस्थली विद्यापीठ के प्रोफेसर डॉ. नीरजा शर्मा, भारतीय शिल्प संस्थान की रजिस्ट्रार रश्मि पारीक ने बाजार की मांग, रंग संयोजन के साथ ही परपंरागत शिल्प संयोजन के समन्वय की आवश्यकता प्रतिपादित की। खान ने बताया कि सीएमडी नेहा गिरि ने इस अवसर पर अवार्डी प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया और विस्तार से चर्चा की।

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