उत्तर प्रदेश

हकलाते हैं या सुन नहीं सकते हैं तो बीएड में नहीं मिलेगा एडमिशन

bed_students_17_12_2015दस्तक टाइम्स/एजेंसी
मेरठ। उत्तरप्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) से बीएड की पढ़ाई करने वालों के लिए यह खबर अहम है। अब इस कोर्स के लिए ऐसे छात्र-छात्राओं को एडमिशन बिल्कुल नहीं दिया जाएगा, जो हकलाते हैं, सुन नहीं सकते हैं या जिन्हें किसी तरह का चर्म रोग है। बीएड के साथ ही एमएड कोर्स के लिए भी यह नियम लागू किया गया है।दरअसल, बीएड और एमएड प्रोफेशनल कोर्स हैं। इनके बाद छात्र शिक्षक बनते हैं। यदि कोई छात्र ठीक से बोल नहीं पाता है या सुन नहीं पाता है तो उसके लिए क्लास चलाना प्रैक्टिकल नहीं होगा। इसी तरह चर्म रोग है तो यह बच्चों के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है।डीन पीके मिश्रा का कहना है कि ये नियम पहले से लागू हैं, लेकिन अब सख्ती से पालन होगा। ये नियम यूनिवर्सिटी और यूजीसी ने मिलकर बनाए हैं। कुछ प्रायवेट कॉलेजों ने पिछले साल बगैर मेडिकल सर्टिफिकेट प्रवेश दे दिए थे। जिसके बाद अब यह सख्ती दिखाना पड़ रही है।विश्वविद्यालय में 12 दिसंबर को एमएड के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विश्वविद्यालय से संबद्ध 36 कॉलेजों की 1,000 सीटों पर प्रवेश दिए जाएंगे।

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