अब विद्यार्थी अपनी समस्याओं शिक्षा विभाग के पोर्टल खुद ही दर्ज कर सकते
भोपाल: प्रदेश के सभी कालेजों में पढ़ने वाले करीब 18 लाख विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा विभाग ने एक बड़ी सहूलियत दी है है। विद्यार्थी अब अपने कालेज से जुड़ी समस्याओं या शिकायतों को उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर खुद ही दर्ज करा सकते हैं। कालेज प्राचार्य या प्रबंधन उनके खिलाफ बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं कर सके, इसके लिए विद्यार्थियों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। यहीं नहीं, विद्यार्थी अपने कालेजों में होने वाले उल्लेखनीय कार्यों को इवेंट्स के बारे में भी पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे। यहां तक कालेज में फैली अव्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के लिये विद्यार्थी अपने सुझाव भी दे सकते हैं, जिससे कालेजों के वातावरण में सुधार हो सकेगा। विद्यार्थी परीक्षा से संबंधित समस्या हो या रिजल्ट को लेकर सभी की शिकायत पोर्टल पर दर्ज कराएंगे। इससे प्रदेश के सभी सरकारी कालेजों की समस्याएं दूर होंगी।
विश्वविद्यालयों में दो साल बाद भी नियुक्त नहीं हो सके परीक्षा नियंत्रक
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में करीब दो सालों से परीक्षा नियंत्रकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। उच्च शिक्षा विभाग भी विश्वविद्यालयों में परीक्षा नियंत्रकों को नियुक्त नहीं कर सका है, जबकि दो साल पहले तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन ने कुलपतियों और विभाग को परीक्षा नियंत्रकों को नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। विभाग दो साल में सिर्फ आवेदन ही जमा करा सका है। कई विश्वविद्यालयों में परीक्षा नियंत्रक प्रभारी की भूमिका में हैं। वहीं कई जगह परीक्षा नियंत्रक के पद पर प्रोफेसर पदस्थ हैं। प्रदेश के विवि बिना परीक्षा नियंत्रक के कार्य कर रहे हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में विनय श्रीवास्तव को प्रभारी परीक्षा नियंत्रक नियुक्त किया गया है। कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लाकडाउन और जनता कर्फ्यू ने परीक्षा के सिस्टम को पूरा चकना चूर कर दिया है। प्रदेश के सभी विवि परीक्षा और रिजल्ट को लेकर सुधारने में लगे हुए हैं। परीक्षाओं के रिजल्ट में हुई लेटलतीफी के चलते विभाग प्रदेश के सभी को नोटिस तक दे चुका है। इसके जवाब में विवि सिर्फ अपनी तरफ से सफाई ही दे सके हैं। यहां तक कि उन्होंने परीक्षा नियंत्रक के अभाव में विवि परीक्षा और रिजल्ट से भी जारी कर रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक नहीं होने से परीक्षाओं में भी गड़बड़ी सामने आती है।