शिमला। हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि राज्य विधानसभा ने राज्य में स्लम क्षेत्रों (मलिन बस्ती) में रहने वाले लोगों को संपत्ति का अधिकार देने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश स्लम निवासी (मालिकाना अधिकार) विधेयक, 2022 पारित किया है।
मंत्री द्वारा सोमवार को विधानसभा में विधेयक पेश करने के बाद मामले को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। भारद्वाज ने कहा कि विधेयक से न केवल शिमला में रहने वाले पात्र लोगों को बल्कि राज्य भर के अन्य शहरी स्थानीय निकायों को भी लाभ होगा।
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। यह विधेयक झुग्गीवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। एक झुग्गी निवासी 75 वर्ग मीटर से अधिक की भूमि का हकदार होगा जो कि दो बिस्वा है।” विधेयक में कहा गया है, “बशर्ते कि जहां झुग्गी-झोपड़ी के निवासी 75 वर्ग मीटर से कम भूमि पर कब्जा धारण किए हों, ऐसी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के वास्तविक कब्जे वाली भूमि को तदनुसार बसाया जा सकता है।”
मंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के तहत आने वाले पात्र व्यक्ति को अधिकार मुफ्त में दिए जाएंगे। अन्य श्रेणियों के लिए दरें नाममात्र की होंगी और अधिसूचना में तय की जाएंगी। विधेयक में प्रत्येक शहरी स्थानीय निकाय में नगरपालिका क्षेत्र विकास निधि नामक एक कोष का भी प्रस्ताव है जिसमें इस अधिनियम के तहत झुग्गीवासियों से प्राप्त धन को जमा किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार या सीएसआर से मिली राशि को भी फंड में जमा किया जा सकता है।